चीन ने बढ़ाई ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की धड़कनें, सोलोमन द्वीप पर नजरें
चीन ने संकट से जूझ रहे विश्व समुदाय की स्थिति का हर तरह से फायदा उठाने का निर्णय ले लिया है। रूस यूक्रेन युद्ध में अपने व्यापारियों को रूसी बाजार पर नियंत्रण हासिल करने की सलाह देने वाला चीन दुनिया भर में अपनी पैठ बनाने तथा विश्व समुदाय पर अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए जी जान से जुटा हुआ है।
रूस – यूक्रेन युद्ध के बीच चीन पहले से अधिक आक्रामकता और बढ़े मनोबल के साथ काम कर रहा है। हाल ही में कुछ दस्तावेज लीक हुए हैं जिसमें चीन की नीतियों को लेकर अहम सुराग मिले हैं। कहा जा रहा है कि चीन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के निकट स्थित सोलोमन द्वीप पर अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने में जुटा हुआ है।
चीन इस द्वीप पर अपनी सैन्य मौजूदगी को बढ़ा सकता है। यह जानकारी लीक होते ही पड़ोसी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड समेत कई अन्य देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं। सोलोमन द्वीप की ओर से भी कहा गया है कि उसने चीन के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है।
सोलोमन द्वीप और चीन के बीच हुए सुरक्षा समझौते के ऑनलाइन लीक होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन ने कहा है कि इस समझौते के ऑनलाइन लीक होने के बाद दुनिया भर की चिंता बढ़ गई है क्योंकि इस समझौता के अनुरूप चीन सोलोमन द्वीप में अपने नौसैनिक अड्डे स्थापित कर सकता है।
इस समझौते की शर्तों के अनुसार सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने एवं अन्य कारणों का हवाला देते हुए चीन इस द्वीप पर अपनी सेना एवं पुलिस के जवानों को भेज सकता है साथ ही कुछ समय के लिए वह अपने जहाज़ों को भी यहां भेज सकता है।
ऑस्ट्रेलिया ने समझौते के ऑनलाइन लीक होने के बाद कहा है कि हमारे क्षेत्र को अस्थिर करने वाली किसी भी आक्रामक गतिविधि को लेकर हमारी चिंता जायज है। बता दें कि सोलोमन द्वीप की राजधानी होनियारा में पिछले साल ही दंगे हुए थे। हालांकि उस समय ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य पड़ोसी देशों ने सुरक्षा सहायता भेजी थी, लेकिन अब यहां चीन की एंट्री से तनाव पैदा हो सकता है।
न्यूजीलैंड ने भी चीन और सोलोमन द्वीप के बीच हुए इस समझौते पर चिंता जताते हुए कहा है कि यह समझौता चिंता पैदा करने वाला है। चीन ने सोलोमन द्वीप के साथ अपने समझौते का बचाव करते हुए कहा है कि उसने समान व्यवहार के आधार पर यह समझौता किया है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन का कहना है कि यह सौहार्दपूर्ण समझौता है। इस से क्षेत्र में आपसी सद्भाव एवं शांति को बढ़ावा मिलेगा तथा यह समझौता सभी क्षेत्रीय देशों के हित में है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने होनियरा में हुए दंगों से निपटने में दिए गए सहयोग का उल्लेख तो किया लेकिन इस समझौते के बारे में उन्होंने कोई भी जानकारी साझा नहीं की।