मुहम्मद यूनुस धोखेबाज़, छात्रों का विद्रोह आतंकी कार्रवाई: शेख हसीना
बांग्लादेश की बर्ख़ास्त प्रधानमंत्री शेख हसीना, जो इस समय नई दिल्ली में हैं, ने अपनी पदच्युति का आरोप कथित आतंकवाद समर्थकों पर लगाया है। उन्होंने अंतरिम प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर आरोप लगाया कि वे अमेरिका समर्थित तानाशाही बदलाव की साज़िश में शामिल हैं और उन्होंने छात्र आंदोलन को फंड मुहैया कराया।
हसीना ने वादा किया कि, जैसे ही कोई संवैधानिक सरकार बन जाएगी, वे न्याय स्थापित करने के लिए बांग्लादेश लौटेंगी। उन्होंने यूनुस को धोखेबाज़ बताते हुए आरोप लगाया कि, वह सत्ता में आने के बाद देश को लूट रहे हैं।स्पष्ट रहे कि हसीना ने ये आरोप दीप हलदर, जयदीप मजूमदार और साहेबुल हसन खोकोन द्वारा लिखी गई तथा जगनॉट द्वारा प्रकाशित पुस्तक “इंशाअल्लाह बांग्लादेश: द स्टोरी ऑफ एन अनफिनिश्ड रिवोल्यूशन” में लगाए हैं।
न्यूज़ 18 ने हसीना के हवाले से कहा:
“पिछले साल जुलाई-अगस्त के दौरान बांग्लादेश पर हुए आतंकी हमले की साजिश, फंडिंग और क्रियान्वयन में अमेरिका की भूमिका थी। वह (यूनुस) एक धोखेबाज़ व्यक्ति है जिसने अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए अपने देश को तबाह कर दिया। अब वह और उसके साथी देश को लूट रहे हैं और उसे विनाश की ओर ले जा रहे हैं।”
इससे पहले, रॉयटर्स को दिए एक साक्षात्कार में हसीना ने पुष्टि की थी कि वे नई दिल्ली में हैं, लेकिन वे तभी बांग्लादेश लौटेंगी जब वहाँ एक संवैधानिक सरकार का गठन हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि, बांग्लादेश अवामी लीग के लाखों कार्यकर्ता अगले वर्ष होने वाले आम चुनावों का बहिष्कार करेंगे, क्योंकि पार्टी को चुनाव में भाग लेने से रोक दिया गया है।
बाद में, हसीना ने बांग्लादेश के उज्ज्वल भविष्य के लिए संविधान की सर्वोच्चता और राजनीतिक स्थिरता को आवश्यक बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी एक व्यक्ति या परिवार को बांग्लादेश के भविष्य का निर्धारण करने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने आगे कहा:
“मैं निश्चित रूप से अपने घर (बांग्लादेश) लौटना चाहूंगी, बशर्ते वहाँ की सरकार संवैधानिक हो, संविधान की सर्वोच्चता स्थापित हो और कानून व शासन वास्तव में लागू हो।”

