हाल ही में लांच की गयी एक नई AI तकनीक (AI Technology) का उपयोग करके जीवन और इतिहास के बहुत से खास पलों को नए ढंग से महसूस किया जा सकता है।
इस तकनीक का प्रयोग कर भारतीय इतिहास के कुछ स्वर्णिम पलों को वापस लाया गया है। भगत सिंह, स्वामी विवेकानंद और इतिहास के अन्य महत्वपूर्ण लोगों की पुरानी तस्वीरों को एक नई लॉन्च की गई AI तकनीक (AI Technology) का उपयोग करके जीवन में वापस लाया गया है।
डीप नॉस्टैल्जिया’ (Deep Nostalgia) एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरण है, जिसे वंशावली वेबसाइट MyHeritage द्वारा जारी किया गया है, जो अभी भी तस्वीरों में चेहरे के एनिमेशन जोड़ सकता है। MyHeritage ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा है, “यह फीचर सही मायने में ‘आपके पुराने परिवार के फोटो को जीवन में लाता है।
चार दिन पहले लॉन्च होने के बाद, डीप नॉस्टैल्जिया का उपयोग करते हुए एनिमेटेड तस्वीरें बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। द वर्ज के अनुसार, डीप नॉस्टैल्जिया वीकेंड में ट्विटर पर शीर्ष रुझानों में से एक बन गया। जबकि कई ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने चेहरे की अभिव्यक्ति और एनिमेशन को ब्लिंक करने और प्रियजनों की तस्वीरों को मुस्कुराते हुए जोड़ने के लिए उपकरण का उपयोग किया, जबकि अन्य ने ऐतिहासिक चित्रों के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया।
एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने भगत सिंह, स्वामी विवेकानंद, मुंशी प्रेमचंद और अन्य को डीप नॉस्टैल्जिया का उपयोग करते हुए जीवन में उतारा। उन्होंने भगत सिंह की तस्वीर शेयर की, जहां वो मुस्कुराते नजर आ रहे हैं।
Kind of surreal to take a photo of the singularly inspiring Bhagat Singh — a revolutionary voice in 1920s India, who was hung by the British in 1931, at the age of 24 — run it through the Heritage AI algorithm, and see him reanimated. pic.twitter.com/CfC0Gu6Gxk
— Keerthik Sasidharan (@KS1729) February 28, 2021
उन्होंने स्वामी विवेकानंद, लोकमान्य तिलक, लेखक मुंशी प्रेमचंद और कस्तूरबा गांधी की तस्वीरें भी शेयर कीं, जो एनिमेटिड थीं।
It was hard to find a quality photo of Lokmanya Tilak, but this worked. Tilak urgently deserve a new reappraisal as one of the founding fathers of the modern Indian mind. A reformist & revivalist of traditions, a believer in the power of mass media before most Indians could read. pic.twitter.com/M93KWkR6bc
— Keerthik Sasidharan (@KS1729) February 28, 2021
डीप नॉस्टैल्जिया’ AI आधारित डीपफेकरी है, जो पुरानी फोटो को जिंदगी में तब्दील कर देता है। ये सबकुछ एक ऑनलाइन Genealogy कंपनी यानी की मायहेरिटेज कर रही है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर फोटो को जिंदगी दे रही है।
Munshi Premchand, half bemused, at the newfangled inventions that have come up 80 years after his death. If he were alive, he would probably have used some of it–perhaps, even a novel about of a farmer who wants to buy a computer for his daughter–in his vast oeuvre of writings. pic.twitter.com/dNtm4Dh7CB
— Keerthik Sasidharan (@KS1729) February 28, 2021