अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय(आईसीजे) पर प्रतिबंध लगाएंगे: जॉनसन
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने घोषणा की है कि, इस सप्ताह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा एक प्रस्ताव पर मतदान करेगी, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICJ) और उसके अभियोजक करीम खान पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान होगा। जॉनसन ने कहा, “हम अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में उन तत्वों को बर्दाश्त नहीं करेंगे, जो अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करके इज़रायल पर हमले और अमेरिका को धमकी देने के लिए उनका दुरुपयोग करते हैं।” इस बयान से उनका इशारा उन देशों और संगठनों की ओर था जो इज़रायल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।
यह घटनाक्रम उस समय आया है जब (ICJ) ने दिसंबर 2023 में इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षामंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ नरसंहार और युद्ध अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। आईसीजे का यह फैसला इज़रायल की ग़ाज़ा में हाल ही में किए गए सैन्य अभियान को लेकर था, जिसमें हजारों नागरिकों की जान गई थी। न्यायालय ने दोनों नेताओं पर ग़ाज़ा में नागरिकों के खिलाफ अत्याचार और युद्ध अपराधों के आरोप लगाए थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और ICJ के इस आदेश को “निर्दयी” (अत्याचारपूर्ण) करार दिया था। बाइडेन ने इज़रायल को अमेरिका का मजबूत समर्थन देने का वादा किया, विशेषकर जब इज़रायल सुरक्षा के लिहाज से कई संकटों का सामना कर रहा है। बाइडेन प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका इज़रायल के खिलाफ किसी भी अंतर्राष्ट्रीय कानूनी प्रयास का विरोध करेगा।
इसके विपरीत, कई देशों ने यह घोषणा की थी कि यदि नेतन्याहू उनके देशों की यात्रा करते हैं तो वे (आईसीजे) के गिरफ्तारी वारंट को लागू करेंगे। यूरोपीय देशों सहित कुछ अन्य देशों ने इस बारे में बयान दिए थे कि ICJ के आदेश के बाद वे नेतन्याहू और गैलेंट को अपने यहां प्रवेश की अनुमति नहीं देंगे।
संयुक्त राज्य अमेरिका, जो इज़रायल का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय समर्थक है, ने इस पूरे घटनाक्रम में इज़रायल के पक्ष में खड़ा होते हुए बार-बार इस बात को दोहराया कि वह इज़रायल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि इज़रायल ने ग़ाज़ा में भारी सैन्य कार्रवाई की है, जिसमें अब तक 45,500 से अधिक लोग मारे गए हैं और लाखों लोग घायल तथा विस्थापित हो गए हैं। इस दौरान, अमेरिका ने इज़रायल को हर प्रकार की सैन्य और राजनीतिक सहायता प्रदान की है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इज़रायल की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
यह मुद्दा वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि इसे लेकर अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तीव्र विरोध और समर्थन का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका की ओर से ICJ के खिलाफ प्रस्ताव का आना यह दर्शाता है कि वैश्विक शक्तियों के बीच एक बार फिर से अधिकारों और न्याय के मुद्दे पर विवाद उत्पन्न हो रहा है।


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