हमने रूसी तेल प्लेटफॉर्म को कैस्पियन सागर में निशाना बनाया: यूक्रेन
यूक्रेन ने कैस्पियन सागर में स्थित एक रूसी तेल प्लेटफॉर्म और एक सैन्य गश्ती पोत को निशाना बनाया है। यह हमला कीव द्वारा रूस के तेल और गैस इंफ्रास्ट्रक्चर पर किए जा रहे लगातार हमलों की श्रृंखला का हिस्सा है। यूक्रेन की सशस्त्र सेनाओं की मुख्य कमान के अनुसार, शुक्रवार को किए गए ड्रोन हमले में लुकॉइल के “फिलानोव्स्की” तेल क्षेत्र का ड्रिलिंग प्लेटफॉर्म क्षतिग्रस्त हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म इस महीने पहले भी कम से कम दो बार ड्रोन हमलों का शिकार बन चुका था।
हाल के हफ्तों में यूक्रेन ने कैस्पियन सागर में कई रूसी तेल और गैस ड्रिलिंग सुविधाओं को निशाना बनाया है, लेकिन यह पहली बार है जब यूक्रेन ने आधिकारिक रूप से अपनी जिम्मेदारी स्वीकार की। रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वह इस हमले की स्वतंत्र पुष्टि नहीं कर सकता। यूक्रेन का कहना है कि रूसी तेल इंफ्रास्ट्रक्चर वैध लक्ष्य हैं क्योंकि तेल से होने वाली आय रूस के सैन्य अभियान के लिए मुख्य वित्तीय स्रोत है। यह युद्ध लगभग चार साल से जारी है।
यूक्रेन की सशस्त्र सेनाओं ने यह भी बताया कि इस हमले में एक सैन्य गश्ती पोत को भी निशाना बनाया गया। पिछले वर्षों में यूक्रेन ने रूसी रिफाइनरी और तेल सुविधाओं पर कई हमले किए हैं, लेकिन हाल के हफ्तों में उन्होंने अपने हमलों का दायरा बढ़ाया है। यूक्रेन ने काले सागर और भूमध्य सागर में “शैडो फ्लीट” नामक रूसी तेल टैंकरों पर ड्रोन हमलों की जिम्मेदारी भी ली है। इस तरह के हमले रूस के तेल व्यापार से होने वाली आय को निशाना बनाते हैं, जो उसके युद्ध खर्चों का मुख्य हिस्सा है।
इस हमले से यह साफ होता है कि यूक्रेन अब न केवल भूमि और हवाई हमलों पर ध्यान दे रहा है, बल्कि समुद्री स्तर पर भी रूसी संसाधनों को निशाना बना रहा है। इसका उद्देश्य रूस की आर्थिक क्षमता को कमजोर करना और युद्ध में उसकी संसाधन आपूर्ति को प्रभावित करना है। ऐसे हमले की रणनीति यह दिखाती है कि यूक्रेन युद्ध को कई मोर्चों पर ले जाने की कोशिश कर रहा है।

