आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में हम सीरिया के साथ खड़े हैं: इराक़
सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी “सना” ने रविवार दोपहर को खबर दी कि सीरिया के विदेश मंत्री बासम सब्बाग़ और इराक़ के विदेश मंत्री फ़वाद हुसैन के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई है। इस बातचीत में इराक़ के विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका देश आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में सीरिया के साथ खड़ा है और इस लड़ाई में सीरिया का समर्थन करता है।
यह संवाद उस समय हुआ जब मिस्र के विदेश मंत्री ने भी शुक्रवार रात को अपनी सीरियाई समकक्ष से फोन पर बात की थी। इस बातचीत में मिस्र ने आतंकवाद के खिलाफ सीरिया के संघर्ष में अपना समर्थन व्यक्त किया और यह सुनिश्चित किया कि उनका देश सीरिया के साथ है, विशेष रूप से जब बात आतंकवादी समूहों से लड़ने की हो।
सीरिया में आतंकवादी गतिविधियों में हाल के दिनों में वृद्धि देखी जा रही है, विशेष रूप से “हयात तहरीर अल-शाम” (जिसे पहले “जबहत अल-नुसरा” के नाम से जाना जाता था) द्वारा। यह समूह पिछले सप्ताह के अंत से पश्चिमी अलेप्पो प्रांत में हमले शुरू कर चुका है, जिसमें उन्होंने कई इलाकों पर कब्जा कर लिया है। आतंकवादी समूहों के हमले ने स्थानीय नागरिकों के बीच डर और असुरक्षा को बढ़ा दिया है।
अलेप्पो शहर में आतंकवादी घुस चुके हैं और कई मोहल्लों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, लेकिन सीरियाई सेना ने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। सीरियाई सेना ने घोषणा की है कि वे आतंकवादी समूहों के खिलाफ एक बड़े पलटवार की तैयारी कर रहे हैं और अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ा रहे हैं ताकि इन आतंकवादियों से निपटा जा सके।
इसके अलावा, सीरिया के रक्षा मंत्रालय ने आज एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया कि सीरियाई सेना ने उत्तर हामा प्रांत में दो क्षेत्रों को आतंकवादी समूहों से मुक्त कर लिया है और इस ऑपरेशन में दर्जनों आतंकवादियों को मार गिराया है। सीरियाई सेना की यह सफलता उन्हें क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने में मदद कर रही है और वे इन आतंकवादियों के खिलाफ अपनी कार्रवाइयों को और तेज करने की योजना बना रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि सीरिया, इराक़ और मिस्र के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत और साझा रणनीति पर काम कर रहे हैं। इन देशों के बीच सहयोग आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, और यह भी दर्शाता है कि सीरिया अकेले इस लड़ाई में नहीं है, बल्कि उसे ऐसे कई देशों का समर्थन प्राप्त है जो किसी भी प्रकार के अत्याचार और आतंकवाद के विरोधी हैं ।