हमने ईरान पर अधिकतम दबाव की नीति लागू की है: ट्रंप

हमने ईरान पर अधिकतम दबाव की नीति लागू की है: ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ईरान पर दबाव डालने की अपनी धमकियां जारी कीं। ट्रंप ने कहा, “हमने फिर से ईरान पर शांति स्थापित करने के उद्देश्य से अधिकतम दबाव की नीति लागू की है। हम उन देशों को, जिनमें ईरान भी शामिल है, परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दे सकते।” स्पुतनिक समाचार एजेंसी के अनुसार, ट्रंप ने आगे कहा, “मैं दुनिया भर में युद्धों को खत्म करने के लिए कदम उठा रहा हूँ, जिसमें मध्य पूर्व भी शामिल है, लेकिन उन्होंने यह बयान नहीं किया कि, इसके बदले में वह ग़ाज़ा पट्टी पर क़ब्ज़ा भी चाहते हैं। उन्होंने ने कहा हम ग़ाज़ा में रखे गए सभी बंधकों को वापस लाएंगे।”

ट्रंप ने आगे कहा, “हमने फिर से ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव की नीति लागू की है ताकि शांति स्थापित की जा सके। हम किसी भी देश को, खासकर ईरान को, परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं दे सकते।” यह बयान ऐसे समय पर दिया गया है, जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है।

वैश्विक युद्धों और बंधकों को लेकर बयान
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि वह वैश्विक युद्धों को समाप्त करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, जिसमें विशेष रूप से मध्य पूर्व क्षेत्र का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “हम ग़ाज़ा में जो भी बंधक रखे गए हैं, उन्हें जल्द से जल्द वापस लाएंगे। लेकिन बंधकों को किस तरह वापस लाएंगे इस पर उन्होंने कोई बयान नहीं दिया। ट्रंप ने दो हफ्ते पहले यह धमकी दी थी कि, अगर शनिवार तक सभी बंधकों को आज़ाद नहीं किया गया तो हम ग़ाज़ा को नर्क बना देंगे, लेकिन हमास ने उनकी धमकियों को ख़ारिज कर दिया था। हमास ने साफ़ साफ़ कह दिया था कि, बंधकों की रिहाई केवल समझौते के तहत होगी।

यूक्रेन युद्ध पर बयान
यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर ट्रंप का कहना था, “हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही यूक्रेन में युद्ध-विराम होगा। यूरोप शांति स्थापित करने में विफल रहा है और वलोडिमिर जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को धोखा दिया है।” इस बयान में ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय देशों की आलोचना की। ट्रंप ने रूस के साथ बातचीत को लेकर भी अपने दृष्टिकोण को साझा किया।

सऊदी अरब से वार्ता का उल्लेख
ट्रंप ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के साथ अपनी बातचीत का भी उल्लेख किया और कहा कि इस वार्ता के जरिए यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उनका कहना था, “मैंने पुतिन और जेलेंस्की से बात की है, और हमारी टीमें इस पर काम कर रही हैं।”

जेलेंस्की को बताया तानाशाह
ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की आलोचना करते हुए कहा, “जेलेंस्की एक तानाशाह है, जिसने कोई चुनाव नहीं किए हैं। उसे तुरंत कदम उठाने चाहिए, क्योंकि यदि उसने ऐसा नहीं किया, तो उसका देश ही नहीं रहेगा।” ट्रंप के अनुसार, जेलेंस्की को जल्द ही शांति की दिशा में काम करना चाहिए, वरना यूक्रेन के अस्तित्व को खतरा हो सकता है।

राष्ट्रपति चुनाव पर टिप्पणी
ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर जो बाइडेन राष्ट्रपति पद पर रहते हुए ठीक से काम किया होता तो, वह खुद राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनते। इसका मतलब था कि वह बाइडेन की नीतियों को सही नहीं मानते थे और उनका मानना था कि बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिका की स्थिति कमजोर हो गई है। इसके साथ ही, ट्रंप ने जेलेंस्की को भी यह सलाह दी कि वह रूस के साथ बातचीत में शामिल हो सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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