हमारे पास नई रूसी मिसाइलों को रोकने की क्षमता नहीं: यूक्रेन
यूक्रेन और रूस के बीच हवाई और ड्रोन हमलों का सिलसिला लगातार जारी है। इन हमलों में हालिया वृद्धि ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। इसी संदर्भ में, कीव ने एक महत्वपूर्ण स्वीकारोक्ति की है कि उसके पास रूस की नई मध्यम-दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने और नष्ट करने की आवश्यक तकनीकी क्षमता नहीं है।
कीव की स्वीकारोक्ति
तास समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन की सशस्त्र सेना के कमांडर-इन-चीफ, अलेक्जेंडर सर्स्की ने टीएसएन टीवी चैनल को दिए गए साक्षात्कार में यह स्पष्ट किया कि यूक्रेन के पास वर्तमान में “ओर्सनिक” मिसाइल जैसी मध्यम-दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए आवश्यक रक्षा प्रणालियां मौजूद नहीं हैं। उन्होंने कहा, “फिलहाल (ऐसी प्रणाली) उपलब्ध नहीं है,” जो यूक्रेन की रक्षा क्षमता में एक बड़ी कमी को दर्शाता है।
रूस का जवाबी हमला और नई मिसाइलें
21 नवंबर को, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने “ओर्सनिक” नामक मध्यम-दूरी की नई बैलिस्टिक मिसाइल का अनावरण किया। यह मिसाइल, गैर-परमाणु वॉरहेड्स के साथ, 5,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को सटीकता से भेद सकती है। पुतिन ने यह कदम अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें उपलब्ध कराने और इनका इस्तेमाल करने के बाद उठाया।
पुतिन के आदेश पर, ओर्सनिक मिसाइलों का उपयोग यूक्रेन के विभिन्न क्षेत्रों में हमलों के लिए किया गया, जिसमें कई महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों ने यूक्रेन को रणनीतिक और तकनीकी दृष्टि से कमजोर साबित किया है।
हमलों में वृद्धि
हाल के हफ्तों में दोनों देशों के बीच मिसाइल और ड्रोन हमलों में तेजी आई है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने आज सुबह जानकारी दी कि उसने अपने हवाई क्षेत्र में यूक्रेन के 31 ड्रोन को नष्ट कर दिया है। इसके अलावा, रूस और यूक्रेन दोनों ने अपने-अपने विभिन्न प्रांतों पर मिसाइल हमलों की खबर दी है, जिसमें नागरिकों और सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस की “ओर्सनिक” जैसी मिसाइलें न केवल यूक्रेन की रक्षा प्रणाली को चुनौती देती हैं, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा हैं। वहीं, यूक्रेन की सीमित सैन्य क्षमताओं ने इस संघर्ष को और अधिक असंतुलित बना दिया है।
यूक्रेन की इस स्वीकारोक्ति से स्पष्ट है कि उसे अपने रक्षा तंत्र को आधुनिक बनाने और नई तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है। लेकिन आर्थिक संकट और रूस के लगातार हमलों के बीच यह लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं होगा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर इस संघर्ष पर बनी हुई है, क्योंकि इसका असर वैश्विक शांति और सुरक्षा पर पड़ सकता है।