कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने पार्टी से इस्तीफा दिया

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने पार्टी से इस्तीफा दिया

रायपुर. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से ठीक 2 दिन पहले उन्होंने यह फैसला लिया है। उन्होंने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे एक पत्र में अपनी बात रखी है। अपने लेटर को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया है।

उन्होंने छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अपमान किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि ‘प्रभु श्री राम की भक्त और एक महिला होने के नाते मैं बेहद आहत हूँ’। उन्होंने दावा किया है कि पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं को अवगत कराने के बाद भी उनको ‘न्याय’ नहीं मिला। राधिका खेड़ा ने एक ट्वीट में कहा है कि वह कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता छोड़ रही हैं और उन्होंने बेहद आहत होकर अपने पद से इस्तीफा दिया है।

बताया जा रहा है कि राधिका खेड़ा सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती हैं। उनका कहना है कि इस दौरान वह कई और बातों का खुलासा करने वाली हैं। बता दें कि राधिका खेड़ा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो रायपुर के राजीव भवन का बताया गया था। /राधिका खेड़ा ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था।

राधिका खेड़ा ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे अपने त्यागपत्र में कहा, ‘हां, मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं। मैं अब यही कर रही हूं। मैं अपने और अपने देशवासियों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ती रहूंगी। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को संबोधित अपने ख़त की शुरुआत में लिखा है, ‘आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है। हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं। वर्तमान में प्रभु श्रीराम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं।’

मेरे इस कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया है कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इनकार कर दिया। मैंने हमेशा ही दूसरे के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, लेकिन जब खुद के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने खुद को हारा हुआ पाया। एक महिला होने के नाते मैं बहुत आहत हूं. बार-बार पार्टी के समस्त शीर्ष नेताओं को अवगत कराने के बाद भी जब मुझे न्याय नहीं मिला, इससे आहत होकर मैंने यह कदम उठाया है।

राधिका ने कहा है कि उन्हें पार्टी के भीतर आलोचना का सामना करना पड़ा क्योंकि वह खुद को अयोध्या में राम मंदिर जाने और राम लला की मूर्ति की एक झलक पाने से नहीं रोक सकीं। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने जीवन के 22 साल से अधिक इस पार्टी को दिए हैं और एनएसयूआई से लेकर कांग्रेस के मीडिया विभाग तक पूरी ईमानदारी से काम किया है। इसके बावजूद मुझे इतने तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा क्योंकि मैं अयोध्या में राम का समर्थन कर रही हूं।

उन्होंने पत्र में कहा, ‘क्या आपकी लड़ाई रामलला से है या आपकी लड़ाई किसी राजनीतिक दल से है? इस पार्टी को फैसला करना होगा। मैंने छह दिनों तक इंतजार किया और न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसलिए 22 साल बाद, मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। क़यास लगाया जा रहा है कि, अरविंदर सिंह लवली और गौरभ वल्लभ की तरह वह भी भाजपा में शामिल हो सकती हैं।

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