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संयुक्त राष्ट्र ने ग़ाज़ा में बढ़ती भूखमरी पर एक बार फिर चेतावनी दी

संयुक्त राष्ट्र ने ग़ाज़ा में बढ़ती भूखमरी पर एक बार फिर चेतावनी दी

संयुक्त राष्ट्र ने ग़ाज़ा में इज़रायली अत्याचार और बढ़ती भूखमरी पर गंभीर चेतावनी दी है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों के निदेशक अजीत सुंघई ने बुधवार को कहा कि ग़ाज़ा आज ऐसे भयानक दौर से गुजर रहा है जहां लोग केवल बमबारी और हमलों का ही सामना नहीं कर रहे, बल्कि भूख और प्यास से भी दम तोड़ रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि “भूखमरी ग़ाज़ा का गला घोंट रही है और यह संकट देर अल-बलह तक फैल जाएगा।”

सुंघई ने अल जज़ीरा चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि इज़रायल ने ग़ाज़ा के लिए इंसानी मदद के सारे रास्तों को रोक रखा है। खाने-पीने का सामान, दवाइयाँ और इमरजेंसी मेडिकल उपकरण अंदर नहीं जाने दिए जा रहे। जिन गाड़ियों में राहत सामग्री आती है उन्हें सीमा पर घंटों रोका जाता है या वापस लौटा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि “ग़ाज़ा को आज इंसानी मदद से भर जाना चाहिए था, मगर इज़रायली नाकाबंदी ने हालात को और भी ज़्यादा भयावह बना दिया है।”

ग़ाज़ा में रहने वाले लोग दोहरी त्रासदी झेल रहे हैं। एक तरफ लगातार बमबारी और सैन्य हमलों ने हज़ारों लोगों को घरों से बेघर कर दिया है, वहीं दूसरी ओर खाने का एक टुकड़ा भी मिलना मुश्किल हो गया है। बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं, माताएँ भूख से बिलखते अपने बच्चों को शांत नहीं कर पा रही हैं और अस्पतालों में दवाइयों की कमी से सैकड़ों मरीज़ बिना इलाज के मौत का शिकार हो रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र अधिकारी ने कहा कि बहुत से लोग मजबूरी में ग़ाज़ा छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं, लेकिन जो अब भी वहीं फँसे हैं, वे न केवल भूख बल्कि डर और बमों की बारिश झेल रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर तुरंत और बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में ग़ाज़ा में सामूहिक मौतें होंगी।

सुंघई ने यह भी कहा कि इज़रायल जानबूझकर ग़ाज़ा को “सज़ा” देने की नीति अपना रहा है। मदद रोकना, पानी और बिजली काट देना और सीमाओं को बंद करना सब अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि अब ग़ाज़ा के लोग इस त्रासदी और इज़रायली अत्याचार को और बर्दाश्त नहीं कर सकते।

यह बयान ऐसे समय पर आया है जब ग़ाज़ा के हालात हर दिन और बिगड़ते जा रहे हैं। दुनिया भर में मानवाधिकार संगठन और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ लगातार इज़रायल से नाकेबंदी हटाने और मानवीय सहायता पहुँचाने की मांग कर रही हैं। मगर अब तक इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र का यह ताज़ा बयान दुनिया के लिए चेतावनी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो ग़ाज़ा आने वाले दिनों में एक खुली कब्रगाह में बदल जाएगा।

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