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यूएई की मध्यस्थता में रूस और यूक्रेन के बीच 206 युद्ध बंदियों का आदान-प्रदान

यूएई की मध्यस्थता में रूस और यूक्रेन के बीच 206 युद्ध बंदियों का आदान-प्रदान

अबू धाबी / कीव / मॉस्को: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध बंदियों के आदान-प्रदान की एक और सफल प्रक्रिया को पूरा करने की घोषणा की है। इस बार की अदला-बदली में 206 युद्ध बंदियों की रिहाई शामिल थी, जिससे दोनों देशों के बीच अब तक कुल 1994 बंदियों की अदला-बदली हो चुकी है।

यूएई की सक्रिय भूमिका
यूएई के विदेश मंत्रालय ने इस उपलब्धि पर अपनी खुशी जताई और रूस एवं यूक्रेन दोनों का आभार व्यक्त किया। मंत्रालय ने मौजूदा युद्ध की जटिल और तनावपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद दोनों देशों के बीच विश्वास बहाल करने में अपनी मध्यस्थता की सफलता पर जोर दिया। यह युद्ध बंदियों के आदान-प्रदान का इस वर्ष का आठवां सफल प्रयास था, जिसे यूएई की सक्रिय के माध्यम से अंजाम दिया गया।

यूएई की मध्यस्थता रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के दौरान कैदियों के सुरक्षित और मानवीय आधार पर आदान-प्रदान को सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। यूएई ने कहा कि वह इस प्रक्रिया को तब तक जारी रखेगा जब तक यूक्रेन संकट का दीर्घकालिक समाधान नहीं ढूंढ लिया जाता। इसके अलावा, यूएई ने अपनी तटस्थ भूमिका को बनाए रखने का भी संकल्प लिया है, जिससे वह दोनों देशों के लिए एक विश्वसनीय मध्यस्थ बन सके।

यूएई की कूटनीतिक सफलता
यूएई की ओर से इस वर्ष की शुरुआत से अब तक युद्ध बंदियों के आदान-प्रदान के सात सफल प्रयास किए जा चुके हैं। यह आठवीं बार था जब यूएई ने दोनों देशों के बीच अपने राजनयिक संबंधों का उपयोग करके युद्ध के दौरान फंसे हुए सैनिकों को मुक्त कराने में अपनी भूमिका निभाई। यूएई का यह कूटनीतिक प्रयास केवल रूस और यूक्रेन तक सीमित नहीं है। पिछले साल दिसंबर 2022 में, अमेरिका और रूस के बीच भी कैदियों का आदान-प्रदान हुआ था, जिसे सफलतापूर्वक यूएई ने मध्यस्थता के माध्यम से संभव बनाया था।

रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि
यूक्रेन और रूस के बीच फरवरी 2022 से जारी युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर मानवाधिकार और मानवीय संकट पैदा किया है। इस संघर्ष में हजारों लोग मारे गए और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। युद्ध के दौरान कैदियों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और मानवाधिकार हनन की खबरें लगातार सामने आती रही हैं। ऐसे में युद्ध बंदियों का आदान-प्रदान दोनों देशों के लिए राहत की खबर लेकर आता है और इसे मानवता के हित में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

यूएई की मध्यस्थता इस संघर्ष के समाधान के लिए एक कदम है, जिसमें वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद से एक शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। यह प्रयास भविष्य में शांति वार्ताओं का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

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