सऊदी अरब में यूक्रेन संकट पर दो दिवसीय वार्ता की शुरुआत
रियाद: सऊदी अरब की मेजबानी में तटीय शहर जेद्दा में यूक्रेन संकट पर दो दिवसीय वार्ता शनिवार को शुरू हो गई है। सऊदी अरब के सरकारी टेलीविजन चैनल अल-अखबारिया के अनुसार, यूक्रेन के पारंपरिक पश्चिमी सहयोगियों के अलावा, वैश्विक दक्षिण के देश इस वार्ता में भाग ले रहे हैं। इनमें से कई देश रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष में किसी एक का पक्ष लेने के लिए अनिच्छुक हैं।
लगभग 40 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी जेद्दा में वार्ता में भाग ले रहे हैं, जिसमें शामिल होने के लिए भारत के एनएसए अजीत डोभाल भी पहुंचे हैं। यूक्रेन और उसके सहयोगियों को उम्मीद है कि प्रतिभागी रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रमुख सिद्धांतों पर सहमत होंगे।
रूस को इस फोरम में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन क्रेमलिन का कहना है कि वह बैठक पर नजर रखेगा। चीन, जिसके रूस के साथ मजबूत संबंध हैं, ने शुक्रवार को कहा कि वह यूरोपीय और एशियाई मामलों के विशेष दूत ली हुई को वार्ता में भाग लेने के लिए भेजेगा।
बता दें कि रूस -यूक्रेन युद्ध को एक साल हो चुके हैं, जिसमे जान माल का काफ़ी नुकसान हो चूका है। यूक्रेन को यूरोपीय देशों का समर्थन प्राप्त है, विशेष रूप से अमेरिका का जिसने यूक्रेन को काफ़ी हथियार दिए हैं जबकि रूस इस युद्ध में अकेला खड़ा है।भारत ने इस युद्ध में समझदारी का परिचय देते हुए शांति की बात करते हुए अपने आप को इस युद्ध से दूर रखा और तेल के कारोबार पर अपना ध्यान रखा और यही बात यूरोपीय देशों को खाल रही थी।
अगर देखा जाए तो रूस -यूक्रेन युद्ध में सबसे ज़्यादा अगर किसी भूमिका निभाई है तो वह है अमेरिका। रूस-यूक्रेन युद्ध के समय कहा जा रहा था कि इससे पूरी दुनियां की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अमेरिका और रूस की करेंसी काफी मज़बूत हुई जबकि यही दोनों देश इस युद्ध के जन्मदाता हैं।