ट्रंप के परमाणु समझौते से बाहर निकलने से ईरान और शक्तिशाली हुआ: जॉन केरी
ओबामा सरकार के पूर्व विदेश मंत्री जॉन केरी ने ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के एकतरफा बाहर निकलने के छह साल पूरे होने पर कहा कि इस कदम से ईरान और अधिक शक्तिशाली हुआ और अमेरिका दुनिया में अलग-थलग पड़ गया।
‘हिल’ पत्रिका के अनुसार, केरी ने डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को “विनाशकारी” बताया और कहा कि इससे अमेरिका की सुरक्षा कमजोर हुई है। उनके अनुसार, “जब ट्रंप ने हमारे निकटतम सहयोगियों की अपील ठुकरा कर अमेरिका को इस समझौते से बाहर निकाला, तो इससे ईरान को ताक़त मिली और पूरे क्षेत्र में खतरा बढ़ गया। इसके उलट, अमेरिका ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ गया।”
केरी ने कहा कि यहां तक कि जो रिपब्लिकन नेता भी इस समझौते के खिलाफ थे, उन्होंने भी ट्रंप से अपील की थी कि, वह अमेरिका को इस समझौते में बनाए रखें ताकि ईरान पर दबाव का एक जरिया बना रहे। लेकिन ट्रंप ने अराजकता को चुना, जिससे अमेरिका और पूरी दुनिया असुरक्षित हो गई। पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि, ईरान के साथ हुआ समझौता प्रभावी था, लेकिन ट्रंप के फैसले ने ईरान को और आक्रामक बना दिया।
केरी ने अंत में चेताया कि ट्रंप अब फिर से राष्ट्रपति पद पर हैं और वही पुरानी नीति दोहराने की बात कर रहे हैं। “वह फिर से अकेले चलने की धमकी दे रहे हैं, जिससे अमेरिका की वैश्विक नेतृत्व क्षमता और भी कमजोर होगी। ट्रंप न सिर्फ विदेश नीति में बल्कि देश के भीतर भी लोकतंत्र और मौलिक अधिकारों पर हमला कर रहे हैं। लेकिन अमेरिकी नागरिक स्थिरता चाहते हैं, न कि व्हाइट हाउस में एक अराजक तत्व।”

