भारत के अवैध प्रवासियों के साथ, ट्रंप सरकार का एक बार फिर अमानवीय व्यवहार
प्रधानमंत्री मोदी, डोनाल्ड ट्रंप को “माई फ्रेंड ट्रंप” कहकर संबोधित करते हैं, लेकिन अमेरिकी दौरे में वे उन्हें इस बात के लिए राजी नहीं कर सके कि भारत के अवैध प्रवासियों को देश से निकालते समय उनके साथ अमानवीय व्यवहार न किया जाए। हालांकि पीएम मोदी ने साफ़- साफ़ शब्दों में कहा कि, भारत उन अवैध भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए पूरी तरह से तैयार है, जिन्हें धोखा देकर और फंसा कर अमेरिका भेजा गया था। शनिवार को रात साढ़े 11 बजे के बाद अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरे अमेरिका के दूसरे सैन्य विमान सी-17 में लाए गए 116 प्रवासियों को भी ट्रंप प्रशासन ने जंजीरों में जकड़कर भेजा। उन्हें विमान के भारत की धरती पर उतरने के बाद ही जंजीरों से मुक्त किया गया।
रविवार की रात विदेशी भारतीय प्रवासियों से भरा हुआ तीसरा अमेरिकी विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा, जिसमें 156 लोगों के सवार होने की जानकारी है, हालांकि इस खबर के लिखे जाने तक प्रशासन ने संख्या की पुष्टि नहीं की है। शनिवार को पहुंचे विमान के संबंध में शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया था कि इसमें 119 लोग हैं, लेकिन अंतिम सूची से पता चला कि 116 लोग लाए गए हैं।
दिलजीत सिंह, जो शनिवार को भारत पहुंचाए गए प्रवासियों में शामिल हैं, ने अमृतसर एयरपोर्ट पर ट्रंप प्रशासन के अत्याचार की कहानी सुनाते हुए बताया कि उन्हें पूरे सफर में, जो औसतन 14 घंटे का होता है, हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीर डालकर रखा गया। अमेरिका से देश निकाले गए लोगों में शामिल हरजीत सिंह ने बताया कि “मैं आज (रविवार को) सुबह 6 बजे घर पहुंचा हूं। हमें 27 जनवरी को अमेरिका की सीमा पार करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया था और 18 दिन तक कैद में रखा गया। हमें हाथों में हथकड़ी और कमर से लेकर पैरों तक जंजीर से जकड़कर भारत भेजा गया।”
विमान के अमृतसर पहुंचते ही प्रवासियों ने दुर्व्यवहार की शिकायत की और बताया कि भारत पहुंचने के बाद उनकी जंजीरें खोली गईं। इन आरोपों पर विदेश मंत्रालय पूरी तरह संज्ञान लिया है। इसके जिम्मेदार अधिकारियों ने कहा कि, वे स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और स्थिति की गंभीरता से अमेरिकी प्रशासन को अवगत भी करा रहे हैं। भारत में विपक्ष ने इसे मोदी सरकार की कूटनीति की विफलता से जोड़ा है।