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हमारे किसानों को लहुलुहान करने वाले पुलिस के जवान नहीं बल्कि नारंगी आतंकी गोडसेवादी हैं: अल्का लांबा

हमारे किसानों को लहुलुहान करने वाले पुलिस के जवान नहीं बल्कि नारंगी आतंकी गोडसेवादी हैं: अल्का लांबा

किसानों के बीते 9 महीनों से चलने वाले आंदोलन में कई मोड़ देखने को मिले हैं, देश के अन्नदाता को खालिस्तानी और आतंकी जैसे शब्दों तक का सामना करना पड़ा है, जबकि किसान संगठनों की यह लड़ाई उनके निजी स्वार्थ के लिए नहीं है बल्कि हर उस किसान की है जो जी तोड़ मेहनत कर के और चिलचिलाती धूप और कड़कती ठंड में दिन रात पूरे देश के लिए अन्न उगाने की कोशिश में रहता है।

और अब तो हद यह हो गई कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जनता का पक्ष रखने वाले और ख़ुद को पत्रकारिता से जोड़ने वाले मोदी सरकार के प्रवक्ता बन कर किसानों पर वार कर रहे हैं।

जैसे जैसे उत्तर प्रदेश समेत अलग अलग कई राज्यों में विधानसभा चुनाव क़रीब आ रहा है वैसे वैसे किसानों ने भी अपने हक़ की मांग अलग अलग राज्यों और वहां के शहरों में और तेज़ी से बढ़ा दी है, जैसाकि आज हरियाणा से ख़बर आ रही है कि किसानों ने हरियाणा के करनाल, यमुनानगर, जींद, पटियाला, पानीपत में विरोध प्रदर्शन किया।

और इन्हीं विरोध प्रदर्शन से जानकारी मिल रही है कि करनाल हरियाणा में किसानों पर लाठीचार्ज की गई है जिसमें कई किसान बुरी तरह से घायल हुए हैं, BJP के इसी रवैये को लेकर सोशल मीडिया पर आम जनता ग़ुस्से का इज़हार कर रही है।

इस मामले को लेकर योगिता भयाना ने एक घायल किसान का फ़ोटो ट्वीट किया जिसे कोट करते हुए कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने लिखा कि लहुलुहान हमारा अन्नदाता, फिर आपने लिखा कि सीने पर भगत सिंह और आचरण में गांधी धारण किए हुए तानाशाह के जुल्मों को ख़ामोशी से सहता हुआ…..।

एक और ट्वीट में अल्का लांबा ने ज़बर्दस्त नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि हमारे किसानों को लहुलुहान करने वाले हमारे जवान (पुलिस) नहीं हो सकते, पुलिस की वर्दी में नागपुर की संघी शाखा के नारंगी आतंकी गोड़सेवादियों के हाथ में लाठी लेकर सीधे किसानों पर हमला करने, उन्हें लहुलुहान कर सबक़ सिखाने के लिए ख़ास भेजे गए लगते हैं।

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