बीजेपी जितनी नफरत फैलाएगी, भारत में उतना ही प्यार फैलेगा: राहुल गांधी
संसद से विपक्षी सांसदों के निलंबन पर विपक्ष, सत्ताधारी दल पर हमलावर है। लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक सत्र में इतने सांसदों का निलंबन किया गया है। विपक्ष इसे लोकतंत्र की हत्या बता रहा है। इस मुद्दे पर सभी विपक्षी दल एकजुट नज़र आ रहे हैं और इस निलंबन को केंद्र सरकार की तानाशाही बता रहे हैं।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि ये जंग नफरत और प्यार के बीच है। हम नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोल रहे हैं। बीजेपी जितनी नफरत फैलाएगी, भारत में उतना ही प्यार फैलेगा। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने सदस्यों को निलंबित करके 60% भारत की आवाज को दबाने की कोशिश की है जबकि घरेलू मीडिया बेरोजगारी के बारे में बात नहीं करता है, केवल ध्यान भटकाने की कोशिश करता है।
जिन सांसदों को निलंबित किया गया, वे सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि भारत के लोगों की आवाज हैं। मोदी सरकार ने सांसदों का अपमान नहीं किया है, बल्कि भारत की जनता को चुप कराने की कोशिश की है, जिसका हम कड़ा जवाब देंगे।
कम्युनिस्ट पार्टियों ने जीत का दावा किया
सीपीएम के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि पूरे देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। अगर हमें देश में लोकतंत्र और संविधान बचाना है तो हमें मोदी सरकार को सत्ता से हटाना होगा और इसका एकमात्र रास्ता। इंडिया गठबंधन को सत्त्ता सौंपना है।
सीपीआई नेता डी राजा ने संसद को सर्वोच्च न्यायालय मानते हुए हुए कहा कि यह लोगों की संप्रभुता का प्रतिनिधित्व करता है। अगर संसद बेकार हो जाएगी तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। क्या हम ऐसी फासीवादी तानाशाही को देश पर हावी होने दे सकते हैं? उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विपक्षी गठबंधन ‘भारत’ को बीजेपी और आरएसएस से बनाना चाहिए। इसके खिलाफ सामूहिक लड़ाई लड़नी होगी।