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”हिंदू धर्म में आस्था का सबसे बड़ा प्रमाण ‘बलिदान’ है: प्रियंका गांधी

”हिंदू धर्म में आस्था का सबसे बड़ा प्रमाण ‘बलिदान’ है: प्रियंका गांधी

भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में है। अब वे कहते हैं ‘400 पार’, मतलब उन्हें और बहुमत चाहिए। उनका कहना है कि 75 साल में कुछ नहीं हुआ तो उत्तराखंड में ऐसी प्रतिभा कैसे पनपी, जहां से देश में आईआईटी, आईआईएम और एम्स आए? चंद्रयान चंद्रमा पर उतरा…अगर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसे नहीं बनाया होता, तो क्या यह संभव होता?” भाजपा नेता हमेशा कांग्रेस पर आरोप लगाते रहते हैं कि उसने क्या किया है, लेकिन वे भूल जाते हैं कि पिछले दस वर्षों में कांग्रेस पार्टी की सरकार नहीं है, भाजपा सत्ता में है।

अपने भाषण की शुरुआत करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, ”उत्तराखंड से मेरे परिवार का बहुत पुराना रिश्ता है। यहां हमारी बचपन की कुछ यादें हैं। मेरे पिता, भाई, बेटा और मैं भी यहीं पढ़े हैं। जब भी हमें छुट्टी मिलती थी तो हम अपने बच्चों के साथ यहां आते थे। मैं अपने आप को भाग्यशाली मानता हूं कि मैं आज यहां रामनगर आयी हूं।

फिर वह कहती हैं, ‘मोदी जी नहीं, हम सब उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश को ‘देवभूमि’ कहते हैं।’ लेकिन जब उसी देवभूमि हिमाचल में भीषण आपदा आई तो न तो मोदी जी वहां दिखे और न ही कोई भाजपा कार्यकर्ता। वहां कांग्रेस के नेता, मंत्री और खुद मुख्यमंत्री राहत दे रहे थे। मोदी सरकार ने आज तक राहत राशि नहीं दी। मोदी जी के लिए देवभूमि चुनाव के समय ही होती है, क्योंकि ये उनकी आदत बन गई है और वह सच्चाई कोसों दूर है।

प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ”हिंदू धर्म में आस्था का सबसे बड़ा प्रमाण ‘बलिदान’ है। 19 साल की उम्र में मैंने अपने पिता का शव अपनी मां के सामने रख दिया। मैं शहादत और बलिदान को समझती हूं।’ वे मेरे परिवार को कितना भी गाली दें, मेरे शहीद पिता का अपमान करें, लेकिन हम चुप रहते हैं, क्योंकि वे हमारे संघर्ष को नहीं समझते हैं। हम चुप हैं क्योंकि इस देश के प्रति आस्था और सच्ची भक्ति हमारे दिल में है।

अग्निवीर मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘पीएम मोदी ने यहां अपने भाषण में सैनिकों की बात की, लेकिन अग्निवीर योजना कौन लाया?’ सेना में भर्ती होने के लिए हजारों युवा सालों तक मेहनत करते हैं, क्योंकि उनमें देशभक्ति की भावना होती है। उन्हें उम्मीद है कि वे रोजगार में रहकर देश के साथ-साथ अपने माता-पिता की भी सेवा करेंगे।

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