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कुश्ती संघ का निलंबन पहलवानों की बेहतरी के लिए पहला कदम: साक्षी

कुश्ती संघ का निलंबन पहलवानों की बेहतरी के लिए पहला कदम: साक्षी

हाल ही में चुने गए भारतीय कुश्ती संघ (WFI) पर केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन किया है। खेल मंत्रालय ने पूरी फेडरेशन को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है। वहीं WFI अध्यक्ष संजय सिंह समेत सभी सदस्यों को भी निलंबित कर दिया है। इस आदेश में संजय सिंह द्वारा जारी सभी आदेशों पर रोक लगा दी गई है।

WFI के चुनाव के बाद से ही अध्यक्ष संजय सिंह विवादों में थे। चुनाव के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने संजय सिंह को पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का करीबी होने का आरोप लगाते हुए कुश्ती से संन्यास ले लिया था। खेल मंत्रालय के इस आदेश की पांच बड़ी बातें यहां समझ लीजिए।

साक्षी मलिक की मां ने कहा कि नई कार्यकारिणी में महिलाओं के लिए 30% सीट आरक्षित होनी चाहिए। कुश्ती फेडरेशन ऑफ इंडिया की नई कार्यकारिणी को भंग करने का खाप पंचायतों ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि फेडरेशन के नए प्रधान के रूप में किसी महिला खिलाड़ी को लाया जाए। यही नहीं फेडरेशन की नई कार्यकारिणी में महिलाओं को भी जगह दी जाए।

खेल मंत्रालय ने अपने आदेश में WFI को रद्द करने की वजह बताते हुए कहा है कि नए अध्यक्ष 21 दिसंबर को चुने गए, उसके तुरंत बाद उन्होंने गोंडा में अंडर-15 और अंडर-20 वर्ग की साल खत्म होने से पहले नेशनल प्रतियोगिताओं की घोषणा कर दी। यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है, प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले पहलवानों को इसकी न पर्याप्त सूचना दी गई और न ही WFI के संविधान के प्रावधानों का पालन किया गया।

केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित करने पर पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, “यह पहलवानों की बेहतरी के लिए हुआ है। हम तो कह रहे थे कि यह बेटियों और बहनों की लड़ाई है, यह पहला कदम है…”

वहीं केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित किए जाने पर संजय सिंह (जिन्हें डब्ल्यूएफआई का नया अध्यक्ष चुना गया) ने कहा, “मैं फ्लाइट में था। मुझे अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है। पहले मुझे पत्र देखने दीजिए, उसके बाद ही मैं कोई टिप्पणी करूंगा।”

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