दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, AAP को राहत

दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, AAP को राहत

PM-ABHIM योजना: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) योजना लागू करने के लिए केंद्र के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया गया था।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और ए जी मसीह की पीठ ने दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए, हाईकोर्ट के 24 दिसंबर, 2024 के आदेश पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को 5 जनवरी, 2025 तक MoU पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया था, चाहे विधानसभा चुनावों से पहले लागू आचार संहिता प्रभावी क्यों न हो।

PM-ABHIM केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसका उद्देश्य भविष्य की महामारी और स्वास्थ्य आपात स्थितियों का सामना करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करना है।

दिल्ली सरकार का तर्क
दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने तर्क दिया कि एनसीटी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के मामलों में केंद्र सरकार की शक्तियां केवल राज्य सूची के प्रविष्टि 1, 2 और 18 (यानी, सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि) तक सीमित हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एक राज्य का विषय है और दिल्ली सरकार को MoU पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

सिंघवी ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट का आदेश सरकारों की स्वास्थ्य क्षेत्र में शक्ति को फिर से परिभाषित करने जैसा है। उन्होंने बताया कि समझौते पर हस्ताक्षर करने का मतलब यह होगा कि केंद्र सरकार पूंजीगत खर्च का 60% वहन करेगी और संचालन खर्च पर 0% खर्च करेगी, जबकि शेष 40% खर्च दिल्ली सरकार को उठाना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार की अपनी स्वास्थ्य योजना का दायरा और पहुंच कहीं अधिक है।

दिल्ली सरकार ने PM-ABHIM योजना को लागू नहीं करने का निर्णय लिया है, हालांकि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यह योजना केवल इंदिरा गांधी अस्पताल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की जा रही है।

हाईकोर्ट का आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने पिछले साल 12 दिसंबर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों को दिल्ली में PM-ABHIM योजना को लागू करने के लिए बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया था।

हाईकोर्ट ने 2017 की एक स्वत: संज्ञान याचिका और स्वास्थ्य अवसंरचना से जुड़ी अन्य याचिकाओं की समीक्षा की थी। इस दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को डॉ. सरीन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने के कई निर्देश दिए, जिनका उद्देश्य शहर की स्वास्थ्य अवसंरचना को बेहतर और सुव्यवस्थित करना है।

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