मद्रासी कैंप टूटने पर, स्टालिन ने दिल्ली की मुख्यमंत्री से राहत की मांग की
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर दक्षिण-पूर्वी जंगपुरा में मद्रासी कैंप को तोड़े जाने के बाद पैदा हुए मानवीय संकट पर गहरी चिंता जताई है। गौरतलब है कि इस कार्रवाई में 370 तमिल परिवार विस्थापित हो गए हैं, जो दशकों से इस इलाके में रह रहे थे।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने दिल्ली सरकार से अनुरोध किया है कि, इन परिवारों के सामने आए संकट को कम करने के लिए तत्काल क़दम उठाए जाएं। उन्होंने पत्र में लिखा कि इन लोगों ने दिल्ली की अर्थव्यवस्था और समाज में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। स्टालिन ने अंत में दिल्ली सरकार से तत्काल मानवीय हस्तक्षेप की मांग करते हुए इन परिवारों को स्थायी, सुरक्षित और सुविधायुक्त पुनर्वास देने की अपील की है, ताकि वे फिर से सामान्य जीवन की ओर लौट सकें।
स्टालिन ने पत्र में यह भी बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर कराए गए एक संयुक्त सर्वे में 189 परिवारों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट के लिए पात्र पाया गया। कोर्ट ने सरकार को नरेला में पानी, बिजली, सफाई और सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाएं देने और बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा उचित मूल्य की दुकान स्थापित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने चेताया कि नरेला में दिए गए फ्लैटों की हालत बेहद खराब है। वहाँ पानी, बिजली, स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है, जिससे लोगों का वहाँ रहना लगभग असंभव हो गया है।
स्टालिन ने यह भी कहा कि नरेला में दिए गए फ्लैटों की हालत बेहद खराब है और बुनियादी सेवाओं की कमी के कारण वहां रहना मुश्किल है। 181 अन्य परिवारों को अब तक कोई वैकल्पिक आवास नहीं मिला है। यह तोड़फोड़ बारापुला नाले के किनारे से अतिक्रमण हटाने के नाम पर की गई थी, जिसे बारिश में बाढ़ की समस्या का कारण बताया गया है।

