मिसाइलें यूक्रेन नहीं पहुँचीं, इस कारण रूस बातचीत से पीछे हटा: ज़ेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने दावा किया है कि वॉशिंगटन द्वारा लंबी दूरी की टॉमहॉक मिसाइलें भेजने के फैसले में देरी के कारण रूस की कूटनीति में दिलचस्पी कम हो गई है। ज़ेलेंस्की ने कहा, “जितनी ज़्यादा यूक्रेन की लंबी दूरी से हमला करने की क्षमता बढ़ेगी, उतनी ही रूस की इस युद्ध को खत्म करने की इच्छा बढ़ेगी। पिछले कुछ हफ़्तों ने इस बात को फिर साबित किया है।”
उन्होंने ये बात उस वक़्त कही जब यह ख़बर आई कि, हंगरी में तय ट्रंप-पुतिन बैठक रद्द कर दी गई है। ज़ेलेंस्की के मुताबिक, अमेरिका की ओर से टॉमहॉक मिसाइलें भेजने में देरी “लगभग अपने-आप रूस की कूटनीतिक दिलचस्पी घटाने का कारण बनी है।”
उन्होंने अपने कल रात के भाषण में कहा कि उनकी और ट्रंप की यह सहमति बनी है कि बातचीत की शुरुआत मौजूदा युद्ध-मोर्चे की स्थिति से होगी। लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि “रूस फिर से पूरी कोशिश कर रहा है कि बातचीत से दूर रहे।”
रिपोर्टों के अनुसार, रूस और अमेरिका के राष्ट्रपतियों की तय बैठक इसलिए टाल दी गई क्योंकि रूस ने तत्काल युद्ध-विराम की अमेरिकी मांग ठुकरा दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने आज सुबह इस सवाल पर कि क्या उनकी पुतिन से मुलाक़ात रद्द हो गई है, कहा — “मैंने अभी कोई फ़ैसला नहीं लिया है, मैं कोई बेकार मीटिंग नहीं करना चाहता।”
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि, अभी युद्ध रोकना “संघर्ष के मूल कारणों को नज़रअंदाज़ करेगा और यूक्रेन के कुछ हिस्सों को ‘नाज़ी-नेतृत्व वाले शासन’ के नियंत्रण में छोड़ देगा।”
ज़ेलेंस्की, जो अपनी हाल की वॉशिंगटन यात्रा में ट्रंप को लंबी दूरी की मिसाइलें देने के लिए राज़ी नहीं कर सके, ने कहा कि टॉमहॉक मिसाइलें “कूटनीति में एक प्रभावी निवेश” हैं और उन्होंने यह भी बताया कि यूक्रेन अपने यूरोपीय और अमेरिकी सहयोगियों के साथ लंबी दूरी के हथियारों पर आगे बातचीत जारी रखेगा।

