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इज़रायली संसद में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का भाषण के दौरान विरोध

इज़रायली संसद में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का भाषण के दौरान विरोध

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो इन दिनों इज़रायल के दौरे पर हैं उन्होंने आज इस दौरे पर इज़रायली संसद में भाषण दिया। भाषण के दौरान  ट्रंप बोले: “हम हथियार बनाते हैं और उन्हें इज़रायल को देते हैं। उन्होंने कहा “आज बंदूकें ख़ामोश हैं, सायरन की आवाजें थम चुकी हैं। यह धरती और यह इलाक़ा हमेशा के लिए अमन में रहेगा। आज का दिन मध्य पूर्व के भविष्य के लिए एक ऐतिहासिक शुरुआत है।”

भाषण के दौरान विरोध के कारण ट्रंप का भाषण कुछ देर के लिए उस समय रुक गया जब कुछ सांसदों ने केनेसेट में उनका विरोध किया। कुछ सांसदों ने ‘फिलिस्तीन को मान्यता दो’ और ‘जनसंहार’ जैसे पोस्टर दिखाए, जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें सभा से बाहर निकाल दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, सांसद ऐयम ओडेह और ओफर कैसिफ ने ट्रंप के भाषण के दौरान ये पोस्टर दिखाए। दोनों को संसद की बैठक से बाहर निकाल दिया गया।

अरब देशों का शुक्रिया
ट्रंप ने कहा — “मैं उन सभी अरब और मुस्लिम देशों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने हमास पर दबाव डालने के लिए एकजुटता दिखाई।” उन्होंने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तारीफ़ करते हुए कहा — “नेतन्याहू के साथ तालमेल बिठाना आसान नहीं है, लेकिन यही बात उन्हें एक बड़ा इंसान बनाती है।”

ट्रंप ने अपने मध्य पूर्व प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ़ की भी सराहना की और कहा — “वह एक महान व्यक्ति हैं, सब उन्हें पसंद करते हैं। वह किसिंजर की तरह हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि वह राज़ लीक नहीं करते।” आत्मप्रशंसा और हथियारों की बात अपने भाषण के दौरान ट्रंप ने कई व्यक्तिगत तारीफ़ें भी कीं और कहा — “मार्को रुबियो का नाम अमेरिका के इतिहास में सबसे महान विदेश मंत्री के रूप में दर्ज होगा।”

उन्होंने कहा:
“मुझे युद्ध पसंद नहीं। मेरा स्वभाव जंग रोकने वाला है, और ऐसा लगता है कि मैं इस दिशा में काफ़ी हद तक सफल भी हो रहा हूं।” इसके बाद ट्रंप ने साफ कहा — “हम सबसे बेहतरीन हथियार बनाते हैं और बहुत बड़ी मात्रा में उनका उत्पादन करते हैं। इन हथियारों की बड़ी खेप हम इज़रायल को देते हैं। नेतन्याहू मुझे बार-बार फोन करके कहते हैं — यह हथियार दो, वह हथियार दो। कई बार वह ऐसे नाम बताते हैं जिनके बारे में मैंने पहले कभी नहीं सुना।”

7 अक्टूबर दोबारा नहीं होने देंगे”
ट्रंप ने ग़ाज़ा में हुई ऑपरेशन तूफ़ान अल-अक्सा की घटनाओं के बाद इज़रायल में बढ़ती असुरक्षा के माहौल को देखते हुए इज़रायलियों को भरोसा दिलाया — “मैं इज़रायल के लोगों से कहता हूं कि अमेरिका आपके दो वादों में शामिल है: हम 7 अक्टूबर को कभी नहीं भूलेंगे, और हम यह भी नहीं होने देंगे कि 7 अक्टूबर जैसी घटना दोबारा हो।”

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