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केपटाउन की सहायता बंद होने पर राष्ट्रपति रामाफोसा का ट्रंप को करारा जवाब

केपटाउन की सहायता बंद होने पर राष्ट्रपति रामाफोसा का ट्रंप को करारा जवाब

अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के बीच इज़रायल के जनसंहार और ब्रिक्स समूह में दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता को लेकर तनाव जारी है। ऐसे में राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने ट्रंप द्वारा वित्तीय सहायता रोकने के तर्क को खारिज कर दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार तड़के यह दावा करते हुए दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाली सभी वित्तीय सहायता रोकने का आदेश दिया कि, यह देश “ज़मीनों को जब्त कर रहा है और कुछ विशेष वर्गों के लोगों के साथ बहुत बुरा व्यवहार कर रहा है।”

दक्षिण अफ्रीका उन देशों के समूह का नेतृत्व कर रहा है, जिसने ग़ाज़ा में इज़रायल के जनसंहार को लेकर उसे हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत में घसीटा है।

सोमवार को दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा ने कहा, “हम भूमि सुधार नीति और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन के साथ रचनात्मक बातचीत के इच्छुक हैं। हमें विश्वास है कि इस बातचीत से आपसी समझ और सहमति बढ़ेगी।”

उन्होंने जोर देते हुए कहा, “दक्षिण अफ्रीका एक संवैधानिक लोकतंत्र है, जो कानून के शासन, न्याय और समानता की गहरी जड़ें रखता है। हमारी सरकार ने किसी भी भूमि को जब्त नहीं किया है।”

रामाफोसा ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका पहले से ही दक्षिण अफ्रीका को अधिक वित्तीय सहायता नहीं दे रहा था। उनके अनुसार, “वाशिंगटन ने दक्षिण अफ्रीका के एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के लिए सिर्फ 17% वित्तीय सहायता दी थी, इसके अलावा कोई महत्वपूर्ण बजट प्रदान नहीं किया गया।”

बता दें कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को यह कह कर निलंबित कर दिया कि, यह देश ” ज़मीनों को जब्त कर रहा है और कुछ विशेष वर्गों के लोगों के साथ बहुत बुरा व्यवहार कर रहा है। इस घटना को विश्लेषक दक्षिण अफ्रीका द्वारा नेतन्याहू सरकार को ग़ाज़ा जनसंहार को लेकर उसे अंतरराष्ट्रीय अदालत में घसीटने से जोड़कर देख रहे हैं।

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