पोप फ्रांसिस ने ट्रंप और कमला हैरिस को छोटी और बड़ी बुराई करार देते हुए अमेरिकी नागरिकों को ‘कम बुराई’ के चयन की सलाह दी
रोम: रोमन कैथोलिक चर्च के आध्यात्मिक नेता, पोप फ्रांसिस, ने हाल ही में अमेरिकी राजनीति पर एक प्रमुख बयान दिया, जिसमें उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस को क्रमशः “छोटी” और “बड़ी बुराई” के रूप में संदर्भित किया। हालांकि, उन्होंने किसी भी उम्मीदवार का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन उनकी बातों से स्पष्ट था कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दो प्रमुख उम्मीदवारों की नीतियों के प्रति अपने विचार प्रकट कर रहे थे। एशिया के 12-दिवसीय दौरे से लौटने के दौरान, उन्होंने इस मुद्दे पर पत्रकारों से बातचीत की।
शरणार्थियों और गर्भपात के मुद्दे पर जोर
पोप फ्रांसिस ने कहा कि शरणार्थियों को स्वीकृति न देना एक “बड़ा पाप” है और इसे मानवता के खिलाफ माना जाना चाहिए। उन्होंने गर्भपात को भी “हत्या” के समान बताते हुए कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर ट्रंप या हैरिस का नाम नहीं लिया, लेकिन यह साफ था कि वह उनकी नीतियों का आलोचना कर रहे थे। ट्रंप की शरणार्थियों के खिलाफ कठोर नीतियां और हैरिस का गर्भपात के अधिकार का समर्थन, दोनों को पोप ने “मानव जीवन के खिलाफ” माना है।
अमेरिकी नागरिकों से वोट डालने की अपील
पोप फ्रांसिस ने अमेरिकी नागरिकों से अपील की कि वे अपने विवेक के आधार पर निर्णय लें और चुनाव में भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा, “वोट न देना उचित नहीं है। आपको अपने अधिकार का प्रयोग करना चाहिए और वोट देना चाहिए।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिकी मतदाताओं को “दो बुराइयों” में से “छोटी बुराई” का चयन करना चाहिए, लेकिन कौन छोटी और बड़ी बुराई है, इसका निर्णय उन्होंने मतदाताओं पर छोड़ दिया।
राजनीतिक मामलों पर पोप की पहले भी टिप्पणी
यह पहली बार नहीं है जब पोप फ्रांसिस ने राजनीतिक मामलों पर अपनी राय व्यक्त की है। अतीत में भी उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार प्रकट किए हैं, चाहे वह शरणार्थियों के प्रति सहानुभूति हो या पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता। प्यू रिसर्च के एक अध्ययन के अनुसार, 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रोमन कैथोलिक ईसाइयों की राय विभाजित थी। 50% कैथोलिक मतदाताओं ने जो बाइडन का समर्थन किया, जबकि 49% ने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया।
राष्ट्रपति चुनाव की मौजूदा स्थिति
अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर को होने वाले हैं। चुनावी अभियान अपने चरम पर है। जो बाइडन के चुनावी दौड़ से हटने के बाद, डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है, जिससे पार्टी की स्थिति में सुधार हुआ है। दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस के खिलाफ अपने व्यक्तिगत हमलों को तेज कर दिया है, खासकर उस बहस के बाद जिसमें वह हैरिस से पराजित हुए थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रोमन कैथोलिक समुदाय के मतदाता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2020 के चुनाव में उनके समर्थन में विभाजन दिखा था, और इस बार भी पोप फ्रांसिस की टिप्पणियों के बाद कैथोलिक समुदाय के मतदाता किसे समर्थन देंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।