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पीएम मोदी राम को मंदिर में ले आए पर नीरव मोदी को भारत नहीं लाएं: दिग्विजय

पीएम मोदी राम को मंदिर में ले आए पर नीरव मोदी को भारत नहीं लाएं: दिग्विजय

कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का मुद्दा भी उठाया।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि, भगवान राम को मंदिर में ले आए पर नीरव मोदी जैसे लाखों करोड़ रुपये लेकर भागे लोगों को वापस नहीं ला पाए। कहां हैं ये लोग…? आपने जो वादा किया था कि काला धान वापस लाएंगे, भगोड़ों को वापस लाएंगे…वे कहां है? इन्होंने पहले हिंदुओं-मुस्लमानों को बांटा। अब वे भगवान राम के भक्तों को बांट रहे हैं।

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम यह भी बोले, “पीएम मोदी हमेशा कहते हैं कि सबका साथ, सबका विकास। उन्होंने बाद में इसमें जोड़ा सबका विश्वास और अब कह रहे हैं कि सबका प्रयास। मैं कहना चाहता हूं कि हर पहलू पर वह विफल हैं। हां, उन्होंने बहुत सारी सफलताओं का उल्लेख किया है मगर वे योजनाएं कांग्रेस पार्टी की ओर से शुरू की गई थीं जिन्हें अलग-अलग नाम दे दिए गए।

दिग्विजय सिंह ने आगे राम मंदिर का जिक्र किया और बीजेपी पर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि “ये लोग नारा देते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन जहां बाबरी मस्जिद तोड़ी वहां मंदिर नहीं बनाया गया। जहां कांग्रेस पार्टी ने भूमि अधिग्रहीत की थी और शिलान्यास कराया था, वहां मंदिर बनाया।

मंदिर वहीं बनाएंगे नारे के पीछे इनका मकसद यही था कि जब तक मस्जिद नहीं तोड़ेंगे तब तक इनका उद्देश्य पूरा नहीं होगा। यही भारत जोड़ो यात्रा में हम लोगों ने नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो के उद्देश्य से चल रहे हैं।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि “नरेंद्र मोदी के तीन ब्रह्मास्त्र (हथियार) हैं। पहला- ईवीएमस, दूसरा- धर्मांधता (मन की वह अवस्था है जिसमें व्यक्ति हठपूर्वक और असहनशीलता दिखाते हुए बाकी नस्ल, राष्ट्रीयता, लिंग, यौन अभिविन्यास, सामाजिक आर्थिक स्थिति, विशेषकर धर्म के व्यक्तियों को नापसंद करता है) और तीसरा- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), इनकम टैक्स (आईटी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए)

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी कहा जाता है लेकिन इसके लिए निष्पक्ष चुनाव जरूरी है। आज लोगों के मन में ईवीएम को लेकर विश्वास कम होता जा रहा है। प्रदर्शन हो रहे हैं।

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