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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर समाधान नहीं, नतीजे चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर समाधान नहीं, नतीजे चाहिए: सुप्रीम कोर्ट


सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया। अदालत ने कहा कि मौसम के भरोसे नहीं बैठा जा सकता। दिल्‍ली सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘हमने टैक्सियों पर ऑड-ईवन लगाने को कब कहा?’ एक हलफनामा दायर कर दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन स्‍कीम के फायदे गिनाए हैं।

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एनालिसिस के अनुसार, ऑड-ईवन पीरियड में वाहन किलोमीटर यात्रा (VKT) में लगभग 6% की कमी आई, जो कि 37.80 लाख वाहन-किमी/दिन थी। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एफिडेविट के साथ डिम्ट्स की इस स्टडी के अलावा दो अन्य स्टडीज की रिपोर्ट भी दी है।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली को नोटिस जारी किया था। सभी से पराली जलाने पर रोक लगाने को कहा गया था। गुरुवार को SC का रुख देखते हुए दिल्ली सरकार ऑड-ईवन और कृत्रिम बारिश कराने पर फैसला ले सकती है।

राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण बढ़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-पंजाब समेत पांच राज्यों से पूछा है कि उन्होंने वायु प्रदूषण रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं। अदालत ने कहा, आप बीते 6 सालों से लगातार बात कर रहे हैं, जबकि हमें समस्या का समाधान चाहिए।

कोर्ट ने कहा, हर साल कोर्ट के दखल के बाद ही सरकारें कुछ करती दिखाई देती हैं। हम 6 साल से इस समस्या पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान होते हुए नहीं दिखाई दे रहा है। कोर्ट ने आगे कहा, आज (10 नवंबर) दिल्ली में बारिश हुई है, शायद भगवान ने लोगों की प्रार्थना सुन ली और उनकी सहायता की है। इसके लिए सरकार को थैंक्यू नहीं बोला जा सकता है। कोर्ट ने दो टूक कहा कहा कि अब हमें सिर्फ नतीजे चाहिए, समाधान नहीं।

बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण ख़तरनाक स्तर पर पहुँच गया है जिसके कारण लोगों को घुटन महसूस हो रही है। प्रदूषण के कारण वहां स्कूल बंद कर दिए गए हैं। अलबत्ता बारिश हो जाने के कारण फ़िलहाल दिल्ली वासियों को कुछ राहत अवश्य मिली है लेकिन कोर्ट ने इस पर तल्ख़ टिप्पड़ी करते हुए कहा कि इसके लिए भगवान को थैंक्यू कह सकते हैं लेकिन दिल्ली सरकार को नहीं।

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