कैलिफ़ोर्निया के ज़्यादातर लोग चाहते हैं आज़ादी
‘द अटलांटिक’ पत्रिका ने लिखा है कि, इस साल की गई जनमत-संग्रहों के अनुसार, कैलिफ़ोर्निया के अधिकतर लोग मानते हैं कि यदि यह राज्य एक स्वतंत्र देश बन जाए, तो उसकी स्थिति बेहतर होगी। पत्रिका ने आगे लिखा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जब चाहे तब राज्यों को अपनी मर्ज़ी से चलाते हैं। जब फ़ायदा होता है, तो ज़बरदस्ती करवाते हैं और जब नहीं होता, तो नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
शुक्रवार को CNN ने रिपोर्ट दी कि व्हाइट हाउस कैलिफ़ोर्निया की संघीय फंडिंग, ख़ासकर सरकारी विश्वविद्यालयों की आर्थिक मदद, को बंद कराने की कोशिश में है। ट्रंप की एंटी-इमिग्रेशन नीतियों के ख़िलाफ़ शुक्रवार को लॉस एंजेलिस में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, जो बाद में टेक्सास सहित अन्य राज्यों में भी फैल गया। लोग अमेरिका में इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एजेंसी (ICE) के अफसरों की हिंसक कार्रवाइयों और बड़े पैमाने पर प्रवासियों की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे हैं।
हालाँकि कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर ने नेशनल गार्ड भेजने का विरोध किया था, लेकिन ट्रंप के आदेश पर 4000 से ज़्यादा सैनिकों को प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए भेजा गया है। गवर्नर गेविन न्यूसम ने इस कदम को भड़काऊ बताया था और चेतावनी दी थी कि इससे तनाव और बढ़ेगा।
अटलांटिक पत्रिका ने साफ़ किया कि किसी भी राज्य का अमेरिका से अलग होना संविधान के खिलाफ है, लेकिन अलगाव की इस बढ़ती इच्छा से पता चलता है कि संघीय सरकार और राज्यों के बीच रिश्ता धीरे-धीरे टूट रहा है। पत्रिका ने यह भी कहा कि जब तक ट्रंप राष्ट्रपति हैं, कैलिफ़ोर्निया के साथ यह टकराव और गहराता जाएगा।

