मेक्सिको ने एशियाई देशों पर 50 प्रतिशत तक नया टैरिफ़ घोषित किया
मेक्सिको ने एशियाई देशों सहित भारत और चीन पर 50 प्रतिशत तक नए टैरिफ़ लागू करने का फैसला किया है। मेक्सिको के कानून निर्माताओं ने इन नए करों की अंतिम मंजूरी दे दी है, जो नए साल से लागू हो सकते हैं। इन टैरिफ़ की दरें 5 से 50 प्रतिशत के बीच हो सकती हैं। यह कदम अमेरिका की चीन के खिलाफ कड़ी नीतियों के अनुरूप माना जा रहा है, क्योंकि मेक्सिको के राष्ट्रपति क्लॉडिया शेन बाम अपने देश की स्थानीय उद्योगों को सुरक्षा प्रदान करना चाहती हैं।
मेक्सिको की संसद में इस प्रस्ताव के पक्ष में 76 सांसदों ने मतदान किया, जबकि 5 ने विरोध किया और 35 सांसदों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। यह नया टैरिफ़ कपड़ों, धातु, ऑटो पार्ट्स और अन्य कई उत्पादों को प्रभावित करेगा। खासतौर पर चीन से आने वाले बड़े पैमाने पर उत्पादों पर इसका सीधा असर होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम चीनी सामान पर बढ़ते दबाव और स्थानीय उद्योगों के संरक्षण की दिशा में एक रणनीतिक फैसला है।
इस नए टैरिफ़ का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से संबंध होने की संभावना पर भी चर्चा हो रही है। हालांकि शेन बाम ने सार्वजनिक रूप से इसे ट्रंप के टैरिफ हमलों से जोड़ने से इनकार किया है, लेकिन दरअसल इस कदम से अमेरिकी स्टील और एल्युमिनियम जैसे उत्पादों पर अमेरिका के कड़े करों का असर कम करने में मदद मिल सकती है।
मेक्सिको ने पिछले दशकों में लगभग सभी देशों के साथ स्वतंत्र व्यापार स्वीकार किया है और कई अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। लेकिन शेन बाम की बाईं ओर की मोरीना पार्टी अब अपने दृष्टिकोण में बदलाव ला रही है। नए टैरिफ़ से यह संकेत मिलता है कि मेक्सिको अब स्थानीय उद्योगों के संरक्षण के लिए अधिक सक्रिय नीति अपनाने वाला है। इस निर्णय के परिणाम वैश्विक व्यापार और एशियाई देशों के निर्यात पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।
कुल मिलाकर, मेक्सिको का यह कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार में नए तनाव और प्रतिस्पर्धा की स्थिति पैदा कर सकता है।

