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NCERT पॉलिटिकल साइंस की किताब से बाबरी मस्जिद का जिक्र हटाया गया

NCERT पॉलिटिकल साइंस की किताब से बाबरी मस्जिद का जिक्र हटाया गया

एनसीईआरटी 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की नई किताब बाजार में आ गई है। इनमें कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बाद किए गए हैं। कुछ अहम बदलावों में शामिल है- बाबरी मस्जिद का नाम नहीं लिखा गया है। उसकी जगह ‘तीन गुंबदों वाली संरचना’ लिखा गया है। साथ ही, अयोध्या मामले से जुड़ी जानकारी को घटाकर आधा कर दिया गया है, जो पहले चार पेज में थी, अब वह दो पेज में है।

12वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की पुरानी किताब में बाबरी मस्जिद का परिचय मुगल सम्राट बाबर के जनरल मीर बाकी द्वारा निर्मित 16वीं शताब्दी की मस्जिद के रूप में किया गया। अब नई किताब में दिए चैप्टर में इसके बारे में कुछ इस तरह से जिक्र किया गया है, “एक तीन-गुंबद वाली संरचना, जो साल 1528 में श्री राम के जन्मस्थान स्थल पर बनाई गई थी, लेकिन संरचना के आंतरिक और बाहरी हिस्सों में हिंदू प्रतीकों और अवशेषों को साफ देखा जा सकता था।

बीते दिनों NCERT ने अपनी वेबसाइट पर लिखा था, ‘राजनीति में आए नए बदलावों को देखते हुए विषयवस्तु को अपडेट किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले और उसके स्वागत के बाद अयोध्या मामले पर लिखी गई बातें पूरी तरह से बदल दी गई हैं।’ एनसीईआरटी क्लास 12 पॉलिटिकल साइंस की किताब से बाबरी मस्जिद विध्वंस और हिंदुत्व का जिक्र हटा दिया है।

​पहले अयोध्या विवाद वाले हिस्से में दिसंबर 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराए जाने और भारतीय राजनीति, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता पर पड़ने वाले उसके असर के बारे में बताया गया था। अब नई किताब में लिखा है कि- सदियों पुराने राम जन्मभूमि मंदिर के कानूनी और राजनीतिक विवाद ने भारतीय राजनीति को प्रभावित किया, जिसका नतीजा 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के रूप में सामने आया।

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