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ईरान में राष्ट्रपति पद के दूसरे चरण में मसूद पेज़ेशकियान ने बड़ी जीत हासिल की

ईरान में राष्ट्रपति पद के दूसरे चरण में मसूद पेज़ेशकियान ने बड़ी जीत हासिल की

ईराा में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में अति रूढ़िवादी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मृत्यु के बाद समय से पहले चुनाव कराया गया है। इस चुनाव के पहले चरण में पिछले सप्ताह ऐतिहासिक रूप से कम मतदान हुआ था। दूसरे चरण में चुनाव नतीजा निकल पाया।

पहले चरण में कम मतदान होने के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने चुनाव के महत्व पर जोर देते हुए दूसरे चरण में अधिक मतदान का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि पहले चरण में मतदान अपेक्षा से कम रहा था।

मसूद डॉ. पेज़ेशकियन ने ईरान के राष्ट्रपति पद के दूसरे चरण के चुनाव में शनिवार को वड़ी जीत हासिल की। ​​उन्होंने सईद जलीली को हराया। करीब 30 मिलियन वोटों में से पेज़ेशकियन को 17 मिलियन से अधिक वोट मिले और जलीली को 13 मिलियन से अधिक वोट मिले। मतदान 49.8 प्रतिशत रहा।

ईरान के चुनाव प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह के पहले चरण में पेज़ेशकियन ने सबसे अधिक वोट लगभग 42 प्रतिशत पाए, जबकि जलीली लगभग 39 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। ईरान के 61 मिलियन पात्र मतदाताओं में से केवल 40 प्रतिशत ने पहले दौर में भाग लिया था।

भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने शुक्रवार को चुनाव के दौरान कहा था कि ‘हमें उम्मीद है कि कल (शनिवार) सुबह तक हमारे पास एक नया राष्ट्रपति होगा। ईरान की विदेश नीति और आंतरिक नीति में कोई बदलाव नहीं होगा।’

भारत और ईरान के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत आर्थिक संबंध रहे हैं। पेजेशकियन के राष्ट्रपति बनने के बाद इन संबंधों के और गहरा होने की संभावना है। विशेष रूप से रणनीतिक चाबहार बंदरगाह पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह एक ऐसी परियोजना है जिसके लिए भारत ने पहले ही भारी निवेश किया है।

यह पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि ईरान की सामान्य विदेश नीति में बदलाव की संभावना नहीं है।

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