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जनता को सरकारी अनाज का ‘मोहताज’ बना देना ना तो आजादी के बाद का सपना था और ना ही बाबा भीमराव अंबेडकर का: मायावती

जनता को सरकारी अनाज का ‘मोहताज’ बना देना ना तो आजादी के बाद का सपना था और ना ही बाबा भीमराव अंबेडकर का: मायावती

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के 67वें ‘परिनिर्वाण दिवस’ पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा और देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को आज उनके ‘परिनिर्वाण दिवस’ पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित।

मायावती ने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर तंज करते हुए कहा कि देश के 81 करोड़ से ज्यादा लोगों को सरकारी अनाज का ‘मोहताज’ बना देना ना तो आजादी के बाद का सपना था और ना ही संविधान बनाते समय बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने सोचा था।

गौरतलब है कि गरीब कल्याण अन्न योजना को एक जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जाएगा। अंत्योदय परिवारों को प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न वितरित किया जाएगा। योजना से 81 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। आगामी पांच वर्षों में योजना पर 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक व्यय किया जाएगा। इस योजना की शुरुआत कोविड 19 महामारी के दौरान की गई थी।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘देश में रोटी-रोजी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण ‘आमदनी अठन्नी भी नहीं, पर खर्चा रुपया’ होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिन्तनीय है जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी।”

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