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लंदन: होलोकॉस्ट में बच गए यहूदियों ने गाज़ा में युद्ध-विराम की मांग की

लंदन: होलोकॉस्ट में बच गए यहूदियों ने गाज़ा में युद्ध-विराम की मांग की

6 जुलाई को लंदन में फिलिस्तीन के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए एक विशाल प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शन में होलोकॉस्ट से बचे कई यहूदी भी शामिल थे, जिन्होंने गाज़ा में तत्काल युद्ध-विराम और स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना का पुरजोर समर्थन किया।

प्रदर्शन में शामिल एग्नेस, जो होलोकॉस्ट से बची हुई हैं, ने गाज़ा में हो रहे मौजूदा हालात की तुलना होलोकॉस्ट से करते हुए कहा, “गाज़ा में जो हो रहा है वह बेहद भयावह है। यह गाज़ा में होलोकॉस्ट जैसा ही है।” उनके ये शब्द इस बात की गवाही देते हैं कि गाज़ा में जारी संघर्ष को एक गंभीर मानवीय संकट के रूप में देखा जा रहा है।

एक अन्य होलोकॉस्ट बचे, स्टीफन कैपोस ने अपनी मौजूदगी का मकसद बताते हुए कहा, “मैं यहां इसलिए आया हूं ताकि यह बता सकूं कि हंगरी और यहूदी समुदाय फिलिस्तीनियों के समर्थन में हैं। हम किसी भी प्रकार के दमन और विशेष रूप से किसी भी समुदाय पर हो रहे नरसंहार का कड़ा विरोध करते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि फिलिस्तीनियों के साथ जो हो रहा है, वह अस्वीकार्य है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।

इस प्रदर्शन का आयोजन उस समय किया गया जब गाज़ा में इज़रायली आक्रमण के चलते भारी संख्या में जान-माल का नुकसान हो रहा है। अब तक, इज़रायली हमलों में 37,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और 80,000 से अधिक घायल हो चुके हैं। इसके अलावा, गाज़ा में जारी संघर्ष के कारण फिलिस्तीनियों को बड़े पैमाने पर भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वहां की मानवीय स्थिति और भी बिगड़ गई है।

लंदन में हुए इस प्रदर्शन ने वैश्विक समुदाय का ध्यान गाज़ा में हो रही त्रासदी की ओर खींचा है और वहां तत्काल युद्ध-विराम और शांति स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया है। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना चाहिए और फिलिस्तीनियों को न्याय और स्वतंत्रता दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

इस प्रकार के प्रदर्शनों से यह स्पष्ट होता है कि दुनिया भर में लोग गाज़ा में हो रही घटनाओं को लेकर चिंतित हैं और वे शांति और न्याय की मांग कर रहे हैं। होलोकॉस्ट से बचे लोगों की भागीदारी इस प्रदर्शन को और भी महत्वपूर्ण बना देती है, क्योंकि वे अपने अनुभवों के आधार पर किसी भी प्रकार के दमन और हिंसा का विरोध कर रहे हैं।

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