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लंदन: मुस्लिम विरोधी दंगों में शामिल 12 वर्षीय सबसे कम उम्र के अपराधी को सजा

लंदन: मुस्लिम विरोधी दंगों में शामिल 12 वर्षीय सबसे कम उम्र के अपराधी को सजा

ब्रिटेन: लंदन में मुस्लिम विरोधी दंगों के मामले में एक 12 वर्षीय सबसे कम उम्र के अपराधी को सजा सुनाई गई है। यह घटना ब्रिटेन में इस साल गर्मियों के दौरान हुए दंगों से जुड़ी है, जिसमें दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों द्वारा नस्लीय हिंसा फैलाई गई थी। इस 12 साल के लड़के को पुलिस पर पत्थर फेंकने के अपराध में सजा दी गई है। उसकी उम्र कम होने की वजह से उसकी पहचान को सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन उसने 31 जुलाई को हुए दंगों में शामिल होने की बात स्वीकार की थी।

ब्रिटेन के साउथपोर्ट इलाके में एक डांस क्लास में चाकूबाजी की एक दुखद घटना हुई थी, जिसमें तीन लड़कियों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद अफवाह फैली कि हमलावर एक मुस्लिम प्रवासी था। इस अफवाह के फैलने से पूरे ब्रिटेन में मुस्लिम विरोधी हिंसा का माहौल बन गया। लोग सड़कों पर उतर आए और जगह-जगह दंगे भड़कने लगे। इस हिंसा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो गए, जिसमें यह 12 साल का लड़का भी था।

लड़का उन हजारों दंगाइयों में शामिल था, जिन्होंने पुलिस वैन को आग के हवाले कर दिया और साउथपोर्ट की इस्लामिक सोसाइटी की मस्जिद में घुसने की कोशिश की। दंगाइयों ने मस्जिद और आसपास के क्षेत्रों में तोड़फोड़ की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सख्त कदम उठाए और हिंसा में शामिल 1,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया।

इस लड़के को तीन महीने की आवाजाही पर रोक और 12 महीने के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा बनने की सजा सुनाई गई है। जज वेंडी लॉयड ने सजा सुनाते समय लड़के को फटकार लगाते हुए कहा कि इस दंगे ने समाज की नींव को हिला कर रख दिया। यह एक अत्यधिक हिंसक भीड़ थी, और इस लड़के ने इस हिंसा का हिस्सा बनने का फैसला किया। इन दंगों के बाद, पुलिस ने तेजी से जांच और कार्रवाई करते हुए 800 से अधिक मुकदमे दर्ज किए, जिससे दंगों में कमी आई। यह कदम सरकार और पुलिस की ओर से स्पष्ट संदेश था कि हिंसा और नफरत फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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