उत्तर प्रदेश में लव जिहाद (Love Jihad)के ख़िलाफ़ बनाए गए नए कानून की चौतरफ़ा आलोचना हो रही है। हाइकोर्ट में भी कानून को चुनौती दी जा चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर ने इस कानून पर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा है कि इस कानून में कई ख़ामियां हैं, इसलिए ये कोर्ट में टिक नहीं पाएगा।
कानून की आलोचना करते हुए पूर्व न्यायाधीश ने कहा, “संविधान कहता है कि अध्यादेश तब जारी किया जा सकता है जब फौरन किसी कानून को लागू करने की ज़रूरत हो।
जब विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा था तब इसे (अध्यादेश को) तुरंत जारी करने की क्या ज़रूरत थी? बेशक कुछ नहीं… कहीं से भी यह अध्यादेश नहीं टिकेगा।
पूर्व न्यायाधीश ने कश्मीर संकट पर सुप्रीम कोर्ट के रवैये की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कोई भी किसी व्यक्ति को बगैर मुकदमा या सुनवाई के अनिश्चितकाल तक एहतियाती हिरासत में नहीं रख सकता है।
जस्टिस लोकुर का कहना है कि कश्मीर में एक साल से अधिक समय से लोगों को नज़रबंद रखा गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। लोगों के संचार के माध्यम काट दिए गए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसका समाधान नहीं किया।’