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अपमानजनक टिप्पणी के लिए 48 घंटे तक केसीआर के प्रचार पर रोक

अपमानजनक टिप्पणी के लिए 48 घंटे तक केसीआर के प्रचार पर रोक

तेलंगाना: तेलंगाना की सभी सीटों पर 13 मई को लोकसभा के चुनाव होने हैं। उससे पहले सभी पार्टियों के दिग्गज नेता चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। इस बीच, चुनाव आयोग ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव के चुनाव प्रचार करने पर 48 घंटे के लिए रोक लगा दी। इसे लेकर बीआरएस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने चुनाव आयोग से पूछा कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?

चुनाव आयोग ने इस लोकसभा चुनाव के दौरान अब तक की सबसे कड़ी कार्रवाई की है। इसने एक सार्वजनिक रैली के दौरान कांग्रेस के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक और आपत्तिजनक बयान देने के लिए तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री को चुनाव प्रचार करने से रोका है। कांग्रेस ने 6 अप्रैल को चुनाव आयोग से उससे एक दिन पहले की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में केसीआर की कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियों के बारे में शिकायत की थी।

शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने पहले उन टिप्पणियों पर केसीआर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 23 अप्रैल को नोटिस का जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोपों से इनकार किया था। उन्होंने बताया था कि अनुवाद में उनके मूल कथन का अर्थ गलत समझा गया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कांग्रेस पर उनकी टिप्पणी से कुछ वाक्यों को संदर्भ से हटाने और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का भी आरोप लगाया था।

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर सवाल उठाया और पूछा कि यह किस तरह का न्याय है। उन्होंने कहा कि क्या चुनाव आयोग को पीएम मोदी की ‘भड़काऊ’ टिप्पणियां नजर नहीं आ रही हैं? बीआरएस नेता ने एक्स पर लिखा, “हजारों नागरिकों की शिकायतों के बावजूद मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं।” बीआरएस नेता ने यह भी पूछा कि क्या रेवंत रेड्डी के ‘अपमानजनक शब्द’ चुनाव आयोग को उपदेश की तरह लगते हैं।

उन्होंने इसे पीएम और सीएम की साजिश करार देते हुए पोस्ट किया, ”तेलंगाना के बेईमान घटिया मंत्री रेवंत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं।” उन्होंने पूछा कि केसीआर की बस यात्रा से बीजेपी और कांग्रेस इतनी क्यों बौखला गईं। उन्होंने कहा, “तेलंगाना के लोग आपके अहंकार और संस्थागत दुरुपयोग का करारा जवाब देंगे।” रामा राव ने एक अन्य पोस्ट में कहा, “आप उन पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा सकते हैं, आप उस सच्चाई को नहीं मार सकते, जो वह चाहते हैं कि तेलंगाना को पता चले। याद रखें, कड़वा सच बोलने के कारण आपसे डरने वाले केवल वही लोग हैं जो झूठ में जी रहे हैं।”

केसीआर ने कहा कि उन्होंने अपनी आलोचना कांग्रेस की नीतियों और कार्यक्रमों तक ही सीमित रखी है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि चुनाव आयोग के कहे के अनुसार उन्होंने किसी भी कांग्रेस नेता के ख़िलाफ़ व्यक्तिगत हमला नहीं किया। बहरहाल, चुनाव आयोग केसीआर के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और इसने कहा कि बीआरएस अध्यक्ष को दो दिनों के लिए चुनाव के संबंध में किसी भी सार्वजनिक बैठक, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैलियों, शो और साक्षात्कार और मीडिया में सार्वजनिक बयान देने से रोका जाता है।

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