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इज़रायल ने अपने ही 70 बंधकों को मौत के घाट उतार दिए: अबू ओबैदा

 इज़रायल ने अपने ही 70 बंधकों को मौत के घाट उतार दिए: अबू ओबैदा

हमास के इस खुलासे के बाद कि इज़रायली हमलों में उसी के 70 बंधकों की मौत हो गई हैं, इज़रायल में उन परिवारों की चिंता बढ़ गई है जिनके प्रियजनों को हमास ने 7 अक्टूबर को बंधक बना लिया था। तेल अवीव ने बंधकों को छुड़ाने के नाम पर 7 अक्टूबर से अब तक 30,000 से ज्यादा फिलिस्तीनियों को शहीद कर दिया है और पूरे ग़ाज़ा को खंडहर में बदल दिया है, लेकिन बंधकों की रिहाई में उसे कोई सफलता नहीं मिली है।

इज़रायल केवल उन्हीं बंधकों को रिहा कराने में कामयाब हो सका, जिन्हें हमास ने युद्ध-विराम के दौरान फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में रिहा किया था। इसके चलते इज़रायल में नेतन्याहू के खिलाफ आवाजें तेज हो गई हैं, और वहां की जनता विरोध प्रदर्शन कर रही है।

अब तक 70 बंधक मारे गये
हमास की अल-क़स्साम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबैदा ने इज़रायली बमबारी के परिणामस्वरूप कब्जे वाले 7 कैदियों की मौत की घोषणा की है। अबू ओबैदा ने शुक्रवार शाम एक प्रेस बयान में कहा कि हमने पहले घोषणा की थी कि हमारा अपने मुजाहिदीन से संपर्क टूट गया है। हम समझते हैं कि इज़रायली सेना की बमबारी में कई कैदी मारे गये हैं।

उन्होंने कहा कि हाल के हफ्तों के दौरान जाँच और छानबीन के बाद, हमने इज़रायली बमबारी के परिणाम स्वरूप अपने कई मुजाहिदीन की शहादत और ग़ाज़ा में 7 दुश्मन कैदियों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गाजा में दुश्मन के सैन्य अभियानों के परिणाम स्वरूप मारे गए दुश्मन कैदियों की संख्या 70 से अधिक हो गई है।

उन्होंने कहा कि हमने हमेशा कैदियों के जीवन की रक्षा करने की कोशिश की है, लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि दुश्मन का नेतृत्व इस मुद्दे से छुटकारा पाने के लिए जानबूझकर अपने ही कैदियों को मार रहा है।

इज़रायल अपने ही नागरिकों का दुश्मन है
अबू ओबैदा ने इस बात पर जोर दिया कि “जो कीमत हम 5 या 10 जीवित बंधकों के लिए लेंगे वही कीमत हम सभी बंधकों की रिहाई के लिए लेते।” अपने शब्दों में, उन्होंने अन्य इज़रायली नागरिकों को यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी अपनी सरकार अपने बंधकों को रिहा कराने के बारे में गंभीर नहीं है और बंधकों को मार कर हमास को नुकसान नहीं पहुँचा रहा है बल्कि अपने ही नागरिकों को नुकसान पहुँचा रहा है।

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