आयरलैंड ने यूनिफिल पर, इज़रायली हमलों की निंदा की
आयरलैंड के उप प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने हाल ही में दक्षिणी लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों की चौकी पर इज़रायली हमले का उल्लेख करते हुए कहा, “हमने संयुक्त राष्ट्र बलों के खिलाफ इज़रायली सेना की शत्रुता में गंभीर वृद्धि देखी है।” उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों पर हमला करना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर हमला करने के बराबर है। उन्होंने इन हमलों को “लापरवाह और भयावह” बताते हुए अन्य देशों से इज़रायली शासन पर दबाव बनाने की अपील की ताकि यह हमले रोके जा सकें।
आयरलैंड की सेना चीफ ऑफ स्टाफ “शॉन क्लेन्सी” ने भी जोर देते हुए कहा कि इज़रायल ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की चौकियों पर कई सीधे हमले किए हैं। उन्होंने दक्षिणी लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों (यूनिफिल) पर हुए हमले को “स्पष्ट और गंभीर” अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। उन्होंने इज़रायल से इस “जान बूझकर और सीधे तौर पर की गई गोलीबारी” के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की।
बता दें कि, लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना (यूनिफिल) ने शुक्रवार को सूचना दी कि इज़रायली हमलों से लेबनान की जमीन पर स्थित उनकी चौकियों को नुकसान पहुंचा है। यूनिफिल ने बताया कि इन हमलों से एक चौकी की कई दीवारें ढह गईं और इज़रायली टैंक भी संयुक्त राष्ट्र के इस स्थान की ओर बढ़े। यूनिफिल ने यह भी बताया कि इस हमले में दो शांति सैनिक घायल हो गए, और यह 48 घंटों के भीतर दूसरा हमला था। यूनिफिल ने चेतावनी दी कि इस तरह की घटनाएं संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों को बड़े जोखिम में डालती हैं।
आयरलैंड की सेना ने इन हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि इन हमलों में किसी भी आयरिश सैनिक को नुकसान नहीं पहुंचा है। सेना ने एक बयान में कहा: “यूनिफिल के साथ लगातार सहयोग बनाए रखना, विशेष रूप से इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच चल रहे संघर्ष के बीच, इस अस्थिर क्षेत्र में मौजूदगी बनाए रखने के महत्व को उजागर करता है।”
क्लेन्सी ने इज़रायल के उस दावे को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि शांति सैनिकों के घायल होने की घटना अनजाने में और हिज़्बुल्लाह पर हमलों के परिणामस्वरूप हुई थी। उन्होंने इस हमले को जानबूझकर किया गया हमला करार देते हुए कहा, “यह असंभव है कि एक टैंक का गोला सीधे एक निगरानी टॉवर जैसे छोटे लक्ष्य को मारे, यह जानबूझकर की गई सीधी गोलीबारी है।”