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ग़ाज़ा के लिए भारत ने दवाइयों समेत राहत सामग्री की दूसरी खेप रवाना की

ग़ाज़ा के लिए भारत ने दवाइयों समेत राहत सामग्री की दूसरी खेप रवाना की

इज़रायली सैन्य बलों के हमले ग़ाज़ा पट्टी में लगातार जारी हैं। पिछले 44 दिनों से आईडीएफ के हमले से बदहाल हुए ग़ाज़ा पट्टी के आम लोगों के लिए भारत ने मानवीय मदद की दूसरी खेप रविवार (19 नवंबर) को भेजी है। इसके पहले इज़रायल-हमास के बीच जारी जंग के बीच भारत ने गत 22 अक्टूबर को फिलिस्तीन को चिकित्सा और आपदा राहत सामग्री की पहली खेप भेजी थी।

विदेश मंत्री जयशंकर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “हम फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखे हुए हैं। विदेश मंत्री ने कहा, “32 टन राहत सामग्री लेकर भारतीय वायु सेना का दूसरा सी-17 विमान मिस्र के एल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ। अल-अरिश हवाई अड्डा ग़ाज़ा पट्टी के साथ मिस्र की सीमा पर राफा क्रॉसिंग से लगभग 45 किलोमीटर दूर है।

राफा वर्तमान में ग़ाज़ा में मानवीय सहायता के लिए एकमात्र क्रॉसिंग पॉइंट है। हालांकि इसे केवल राहत सामग्री के लिए खोला गया है। बता दें कि यह पहला अवसर नहीं है जब भारत ने राहत सामग्री भेजी है। इससे पहले सीरिया और तुर्की में आए भीषण भूकंप के बाद भारत ने इन देशों में भी राहत सामग्री भेजी थी।

हमास के इज़रायल पर हमले के बाद इज़रायली सेना की घेराबंदी से आवश्यक वस्तुओं की किल्लत झेल रहे 23 लाख ग़ाज़ा वासियों के लिए 20 ट्रक राहत सामग्री ऊंट के मुंह जीरा के समान है। इन ट्रकों में केवल खाद्य सामग्री और दवाएं हैं। जबकि ईंधन के अभाव में पानी, बिजली की किल्लत दूर नहीं होगी।

ग़ाज़ा में मौजूद संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा है कि प्रतिदिन 100 ट्रक राहत सामग्री की जरूरत है, कई दिन तक इस सामग्री के पहुंचने पर आमजनों की जिंदगी सामान्य हो सकेगी। सामान्य हो सकेगी। इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने राहत सामग्री के हमास के हाथ न पड़ने की चेतावनी दी है।

सामान्य बिजली आपूर्ति भंग होने और जेनरेटर के लिए डीजल खत्म होने से शुक्रवार तक ग़ाज़ा के सात अस्पताल और 21 स्वास्थ्य केंद्र बंद हो चुके थे। इज़रायली सेना की रात-दिन की बमबारी से बड़ी संख्या में लोग घायल हो रहे हैं। इसके चलते बड़ी मात्रा में चिकित्सकीय उपकरणों और दवाओं की जरूरत भी पड़ रही है।

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