लोकसभा के दूसरे चरण में त्रिपुरा, वोटिंग प्रतिशत और आचार संहिता के उल्लंघन में सबसे आगे
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान खत्म हो चुका है। दूसरे चरण के तहत 61.4 फीसदी मतदान हुआ। त्रिपुरा में सबसे ज्यादा मतदान 78 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है। इसके बाद मणिपुर में 77.2 फीसदी वोट डाले गए हैं। छत्तीसगढ़ में 72.5 फीसदी मतदान हुआ है। वहीं वेस्ट बंगाल और असम में 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में कल (27 अप्रैल) 13 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों के लिए चुनाव हुआ।
मतदान शुक्रवार शाम 6 बजे समाप्त हो गया। यह चुनाव 13 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 88 संसदीय सीटों पर हुआ। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो गया। कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, उत्तर प्रदेश की 8, महाराष्ट्र की 8, मध्य प्रदेश की 6, असम की 5, बिहार की 5, छत्तीसगढ़ की 3, पश्चिम बंगाल की 3 और त्रिपुरा, मणिपुर एवं जम्मू कश्मीर की 1-1 सीट पर मतदान संपन्न हुआ।
आंकड़ों की बात करें तो सबसे ज्यादा त्रिपुरा में 78.6 प्रतिशत और सबसे कम उत्तर प्रदेश में 54.8 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। वहीं मणिपुर में 77.2 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 73.1 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 71.8 प्रतिशत, असम में 70.8, जम्मू और कश्मीर में 71.6, केरल में 65.3, कर्नाटक में 67.3, राजस्थान में 63.9, मध्य प्रदेश में 56.8, महाराष्ट्र में 54.3 और बिहार में 54.9 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट किया।
वोट प्रतिशत सभी राज्यों को मात देने वाला त्रिपुरा आचार संहिता के उल्लंघन में भी सबसे आगे रहा है। EC ने आचार संहिता के उल्लंघन के लिए त्रिपुरा सरकार के 26 कर्मचारियों को निलंबित किया है।
भारतीय निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक कार्यक्रमों, चुनाव अभियानों में भाग लेने और आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने के लिए अब तक सुरक्षा कर्मियों सहित त्रिपुरा के 26 सरकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुनीत अग्रवाल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एक अन्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि दो स्कूल शिक्षकों और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के एक राइफलमैन को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के लिए शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया।
इस बीच, संबंधित अधिकारियों ने देश के एक शीर्ष राजनीतिक नेता पर टिप्पणी करने के आरोप में सूरमा विधानसभा क्षेत्र में तैनात मतदान अधिकारी मौसमी घोष को शुक्रवार को निलंबित कर दिया। हालांकि शुक्रवार देर शाम निलंबन आदेश वापस ले लिया गया। चुनाव अधिकारियों ने कहा कि आयोग ने कई मौकों पर सरकारी कर्मचारियों, खासकर चुनाव-संबंधी ड्यूटी में लगे लोगों से निष्पक्ष रहने और अपने चुनाव कर्तव्यों को पूरी पवित्रता के साथ निभाने के लिए कहा है।