ज्ञानवापी मस्जिद के इमाम अब्दुल बातिन ने परमहंस आचार्य के खिलाफ चौक थाने में तहरीर दी
वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद के इमाम और मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर परमहंस आचार्य, वादिनी सीता साहू और मंजू व्यास के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने के लिए शिकायत दी है। उन्होंने सभी पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया है। मालूम हो कि बीते दिनों परमहंस आचार्य का वाराणसी आगमन हुआ था और उसी के बाद से उनके विवादित बयान का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने मुस्लिम समाज को अपशब्द बोला था।
अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के सेक्रेटरी और ज्ञानवापी के इमाम अब्दुल बातिन नोमानी ने इसी वीडियो को पुलिस को सौंपते हुए स्थानीय चौक थाने में तहरीर दे कर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। तहरीर में आरोप है कि श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन मामले की वादिनी सीता साहू और मंजू व्यास के बुलावे पर परमहंस आचार्य और अन्य 20 लोग काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थित बड़े नंदी के सामने नारेबाजी की।
मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी प्रार्थना पत्र के साथ तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य के बयान का एक पेन ड्राइव भी पुलिस को दिया है। और परमहंस आचार्य सहित वीडियो में दिख रही श्रृंगार गौरी मामले में हिन्दू पक्ष से वादी महिला सीता साहू और मंजू व्यास सहित अज्ञात 20 लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने और वैमनस्य को बढ़ावा देने के खिलाफ FIR की मांग की है।
जानकारी के अनुसार जिला जज ने 31 जनवरी को ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में पूजा की इजाजत दी थी। आनन-फानन में 31 जनवरी की देर रात ही जिला प्रशासन ने अदालत के आदेश का तामिला कराते हुए पूजन शुरू करा दिया। इसके बाद 1 फरवरी से आम लोगो के लिए झांकी दर्शन का भी प्रबंध प्रशासन ने करा दिया।
इसी दर्शन करने के क्रम में परमहंस आचार्य अपने साथियों संग 6 फरवरी को काशी विश्वनाथ धाम में आए थे। धाम के बाहर गेट नंबर 4 के पास किसी मीडियाकर्मी से बात करते हुए ये आपत्तिजनक बयान परमहंस आचार्य ने दिया था। अब इस वीडियो के वायरल होने के बाद ज्ञानवापी के इमाम अब्दुल बातिन नोमानी ने इसके खिलाफ चौक थाने में शिकायत दर्ज कराया है।
जिला प्रशासन पर भी लगाए आरोप
साथ ही प्रार्थना पत्र में उन्होंने कहा कि इस विवादित वीडियो की जिला प्रशासन को भली-भांति जानकारी है, लेकिन फिर भी उनकी ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया है। इससे ऐसे लोगों को हौसले बढ़ रहे हैं। उनके इस बयान से एक वर्ग को काफी दुख हुआ है। इससे पहले उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील कर कहा कि वे ज्ञानवापी के मामले में अदालत के फैसले से परेशान न हों और भरोसा रखें, यकीनन जीत उनकी ही होगी।