सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने रविवार 26 नवंबर को रेडियो प्रोग्राम मन की बात के 107वां एपिसोड में 26/11 हमलों में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को हम कभी नहीं भूल सकते हैं। आज ही के दिन देश पर सबसे जघन्य हमला हुआ था।
इसके अलावा पीएम मोदी ने इस एपिसोड में संविधान दिवस की भी शुभकामनाएं दीं। पीएम ने लोगों से वोकल फॉर लोकल को एक कदम आगे बढ़ाते हुए देश में ही शादी करने की भी अपील की। सोमवार 27 नवंबर को गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व है। पीएम ने इसके लिए भी लोगों को शुभ्कामनाएं दीं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिख कि, राष्ट्र निर्माण में जब सबका साथ होता है, तभी सबका विकास भी हो पाता है। मुझे संतोष है कि संविधान निर्माताओं के उसी दूरदृष्टि का पालन करते हुए, अब भारत की संसद ने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को पास किया है।
‘मन की बात’ में उन्होंने कहा कि, देखते ही देखते 2023 समाप्ति की तरफ बढ़ रहा है। और हर बार की तरह हम-आप ये भी सोच रहे हैं कि अरे…इतनी जल्दी ये साल बीत गया।लेकिन ये भी सच है किये साल भारत के लिए असीम उपलब्धियों वाला साल रहा है, और भारत की उपलब्धियां, हर भारतीय की उपलब्धि है।मुझे ख़ुशी है कि ‘मन की बात’, भारतीयों की ऐसे उपलब्धियों को सामने लाने का एक सशक्त माध्यम बना है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब किसी एक लक्ष्य के लिए सामूहिक प्रयास होता है तो सफलता की ऊंचाई भी और ज्यादा हो जाती है। मैं आप सभी से लद्दाख का एक प्रेरक उदाहरण साझा करना चाहता हूँ। आपने पश्मीना शाल के बारे में तो जरुर सुना होगा। पिछले कुछ समय से लद्दाखी पश्मीना की भी बहुत चर्चा हो रही है। लद्दाखी पश्मीना Looms of Laddakh के नाम से दुनियाभर के बाजारों में पहुँच रहा है।
आप ये जानकार हैरान रह जाएंगे कि इसे तैयार करने में 15 गाँवों की 450 से अधिक महिलाएं शामिल हैं। पहले वे अपने उत्पाद वहां आने वाले पर्यटकों को ही बेचती थीं। लेकिन अब Digital भारत के इस दौर में उनकी बनाई चीजें, देश-दुनिया के अलग-अलग बाजारों में पहुँचने लगी हैं। यानि हमारा local अब global हो रहा है और इससे इन महिलाओं की कमाई भी बढ़ी है।
साथियो,नारी-शक्ति की ऐसी सफलताएं देश के कोने-कोने में मौजूद हैं।जरुरत ऐसी बातों को ज्यादा से ज्यादा सामने लाने की है।और ये बताने के लिए ‘मन की बात’ से बेहतर और क्या होगा ?तो आप भी ऐसे उदाहरणों को मेरे साथ ज्यादा से ज्यादा shareकरें।मैं भी पूरा प्रयास करूंगा कि उन्हें आपके बीच ला सकूँ।
उन्होंने कहा, 26 नवंबर का आज का ये दिन एक और वजह से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। मुझे याद है, जब साल 2015 में हम बाबा साहेब आंबेडकर की 125वीं जन्मजयन्ती मना रहे थे, उसी समय ये विचार आया था कि 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के तौर पर मनाया जाए।और तब से हर साल आज के इस दिन को हम संविधान दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं।
मैं सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। और हम सब मिलकरके, नागरिकों के कर्तव्य को प्राथमिकता देते हुए, विकसित भारत के संकल्प को जरुर पूरा करेंगे।