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बहुत जल्द ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत करूंगा: डोनाल्ड ट्रंप

बहुत जल्द ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत करूंगा: डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सुर्खियों में आते हुए कहा है कि, वह बहुत जल्द रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करने वाले हैं। ट्रंप ने साफ़ किया कि, यूक्रेन और रूस के बीच जिस तरह का संघर्ष जारी है, वह न केवल यूरोप बल्कि पूरे विश्व के लिए ख़तरे का संकेत है। उन्होंने कहा कि, एक महाशक्ति होने के नाते अमेरिका इस संकट को अनदेखा नहीं कर सकता और समाधान की दिशा में गंभीर पहल करनी होगी।

ट्रंप ने अपने बयान में यह भी स्वीकार किया कि, उन्हें मौजूदा हालात से बिल्कुल संतोष नहीं है। यूक्रेन में लगातार बढ़ती हिंसा, लाखों लोगों का विस्थापन और रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों ने वैश्विक तनाव को और गहरा कर दिया है। ट्रंप का मानना है कि, अगर रूस और अमेरिका के बीच सीधे स्तर पर बातचीत होती है तो हालात में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन के साथ उनकी पिछली मुलाक़ातों और वार्ताओं का अनुभव यह बताता है कि, जब भी दोनों नेताओं के बीच सीधी बातचीत हुई है, तब तनाव में कुछ कमी आई है। इसलिए वह उम्मीद कर रहे हैं कि यह आगामी संवाद भी रचनात्मक साबित होगा और एक नए समझौते की ओर रास्ता खोल सकता है।

ग़ाज़ा संकट पर बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि, वह इस मुद्दे को भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। इज़रायल और फ़िलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष ने पूरे मध्य पूर्व को अस्थिर कर दिया है। ट्रंप ने कहा— “मुझे लगता है कि ग़ाज़ा में हम जल्द ही किसी न किसी समझौते तक पहुँचेंगे।” यह बयान ऐसे समय आया है जब ग़ाज़ा में लगातार सैन्य कार्रवाई और मानवीय संकट की वजह से संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन गहरी चिंता जता रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि, ट्रंप के ये बयान कई संदेश देते हैं। पहला यह कि अमेरिका अब यूक्रेन मुद्दे पर प्रत्यक्ष वार्ता की दिशा में आगे बढ़ रहा है और दूसरा यह कि, ग़ाज़ा संकट को भी वॉशिंगटन एक बड़ी प्राथमिकता मान रहा है। यदि वास्तव में ट्रंप और पुतिन के बीच वार्ता होती है, तो यह न केवल रूस-अमेरिका संबंधों को प्रभावित करेगी बल्कि नाटो, यूरोप और मध्य पूर्व की राजनीति पर भी गहरा असर डालेगी।

इस तरह, ट्रंप की यह घोषणा केवल एक साधारण बयान नहीं बल्कि आने वाले हफ्तों की कूटनीतिक हलचलों का संकेत माना जा रही है।

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