ग़ाज़ा शांति परिषद की संरचना का ऐलान अगले वर्ष करूँगा: डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वह अपनी शांति योजना के तहत बनने वाली “ग़ाज़ा शांति परिषद” की संरचना और सदस्यों के नाम साल 2026 की शुरुआत में सार्वजनिक करेंगे। ट्रंप ने व्हाइट हाउस के रूज़वेल्ट कक्ष में एक आर्थिक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कहा कि दुनिया के कई प्रमुख नेता इस परिषद का हिस्सा बनना चाहते हैं। उनके अनुसार, “राजा, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक इस शांति परिषद में शामिल होने के इच्छुक हैं,” और इसलिए पूरी सूची नए साल की शुरुआत में जारी की जाएगी।
यह परिषद उस शांति योजना का हिस्सा है, जिसके आधार पर ग़ाज़ा में एक नाज़ुक युद्ध-विराम लागू हुआ है। हालांकि ग़ाज़ा अधिकारियों का कहना है कि युद्ध-विराम की घोषणा के बाद भी इज़रायली सेना की कार्रवाइयों में 386 फ़िलिस्तीनियों की मौत हुई है। इस स्थिति ने शांति योजना और उसके क्रियान्वयन पर कई सवाल भी खड़े किए हैं।
पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसे अमेरिका ने तैयार किया था। इस प्रस्ताव में ग़ाज़ा शांति परिषद की स्थापना और एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF) की तैनाती को मंजूरी दी गई थी। इसका उद्देश्य ग़ाज़ा की स्थिति को नियंत्रित करना और पुनर्निर्माण से जुड़ी व्यवस्थाओं को समन्वित करना है।
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने हाल ही में बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय स्थिरता बल साल 2026 की शुरुआत से ग़ाज़ा पट्टी में तैनात होना शुरू होगा। परिषद को एक अस्थायी कार्यकारी संस्था के रूप में वर्णित किया गया है, जो ट्रंप की 20-बिंदुओं वाली शांति योजना के अनुसार पुनर्निर्माण के बजट और ढांचे को दिशा देगी।
प्रस्ताव के अनुसार, यह परिषद तब तक कार्यरत रहेगी जब तक कि फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण अपनी सुधार योजना पूरी कर के ग़ाज़ा पर सुरक्षित और प्रभावी नियंत्रण दोबारा नहीं संभाल लेता। इसी अवधि को संक्रमणकालीन चरण माना गया है, जिसके दौरान सभी अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समन्वय इसी संस्था द्वारा किया जाएगा।

