अब मुझे ईरान के साथ समझौते की उम्मीद कम लग रही है: ट्रंप
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह अब ईरान को परमाणु समझौते के लिए तैयार करने की उम्मीद खोते जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी दावा किया कि वह ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने की इजाज़त नहीं देंगे।
ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा: “पहले मुझे लगता था कि हम समझौते तक पहुँच सकते हैं, लेकिन अब मेरी उम्मीद हर दिन और कम होती जा रही है। ईरानी देरी कर रहे हैं और मुझे यह अफसोसनाक लगता है। अब मुझे पहले से कम भरोसा है कि कोई समझौता हो पाएगा।”
जब ट्रंप से पूछा गया कि “अगर समझौता नहीं होता तो क्या होगा?” उन्होंने जवाब दिया: “अगर वे समझौता नहीं करते तो भी उनके पास परमाणु हथियार नहीं होंगे। और अगर समझौता करते हैं, तब भी नहीं होंगे। अपनी नाकामी को सही ठहराने की कोशिश में उन्होंने कहा: “अगर कोई नया परमाणु हथियार नहीं बनता तो समझौता न होना कोई बड़ी बात नहीं है। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह युद्ध नहीं चाहते: “बेहतर यही है कि बिना युद्ध और बिना लोगों की मौत के यह हल हो जाए।”
उन्होंने ईरान को दोषी ठहराते हुए कहा: “मुझे नहीं लगता कि उनमें समझौते की वैसी ही इच्छा है जैसी पहले थी। शायद वे ग़लती कर रहे हैं, लेकिन देखते हैं, समय सब कुछ साफ कर देगा।” जब उनसे पूछा गया कि क्या चीन, ईरान के रुख को प्रभावित कर रहा है, तो ट्रंप ने कहा: “मुझे नहीं लगता ऐसा है। शायद वे सिर्फ समझौता नहीं करना चाहते। क्या कहूँ? शायद करना चाहते हैं। कुछ भी निश्चित नहीं है।”
अब तक ईरान और अमेरिका के बीच पांच दौर की अप्रत्यक्ष बातचीत ओमान की मध्यस्थता में हो चुकी है। लेकिन अमेरिका द्वारा ईरान से “शून्य संवर्धन” की मांग के चलते बातचीत में बाधाएं आई हैं, जिसका ईरान ने साफ़ जवाब दिया है कि संवर्धन (enrichment) कोई मोलभाव का मुद्दा नहीं है।
10 जून को ओमान के विदेश मंत्री अमेरिका की ओर से एक नया प्रस्ताव लेकर तेहरान पहुँचे थे। इस पर ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बकाई ने कहा कि ईरान जल्द ही इस प्रस्ताव का जवाब देगा, जिसे उन्होंने “वाजिब, तार्किक और संतुलित” बताया और अमेरिका से आग्रह किया कि वह इस मौके को गंवाए नहीं। बता दें कि, ईरान और अमेरिका के बीच छठे दौर की अप्रत्यक्ष परमाणु बातचीत 25 जून को मस्कट, ओमान में होने वाली है।

