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हिमाचल सरकार खतरे में, क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक हरियाणा पहुंचे

हिमाचल सरकार खतरे में, क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक हरियाणा पहुंचे

हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की एक सीट के लिए मंगलवार को हुई वोटिंग में कांग्रेसी विधायकों के जमकर क्रॉस वोटिंग करने की अटकलों के बाद CM सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली सरकार खतरे में आ गई है। हिमाचल में कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों के भाजपा के हक में क्रॉस वोटिंग करने की चर्चा है।

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एकमात्र सीट के मतदान की मतगणना जारी है। इस बीच, हिमाचल प्रदेश में बड़ा खेला होने की आशंका है। क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 विधायक इंद्रजीत लखनपाल, चैतन्य शर्मा, सुधीर शर्मा,राजेंद्र राणा, देवेंद्र सिंह भुट्टो, रवि ठाकुर और तीन निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा, के एल ठाकुर और होशियार सिंह हैं।

ऐसी आशंका है कि कम से कम नौ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। ये सभी 9 विधायक हिमाचल विधानसभा से गायब थे। सूत्रों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के बाहर जाने की तैयारी में सभी विधायक हैं। इस बीच, सूत्रों ने कहा कि यदि उसका उम्मीदवार जीतता है तो राज्य में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।

टॉप सोर्स ने बताया कि राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के बाद कांग्रेस के विधायकों की एक अनौपचारिक बैठक हुई, जिसमें 34 विधायक ही शामिल हुए। राज्य में कांग्रेस के कुल 40 विधायक हैं। इसके साथ ही तीन और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर कुल नौ वोट बीजेपी के पाले में गए हैं। ऐसे में राज्यसभा चुनाव में वोटिंग का आंकड़ा 34-34 पर बराबर लग रहा है।

पार्टी के संपर्क से बाहर जा चुके विधायकों में पहली बार के एमएलए चैतन्य शर्मा भी शामिल हैं। इसके साथ ही इसमें सुधीर शर्मा का नाम भी शामिल है जो चार बार के विधायक हैं। माना जा रहा है कि सुक्खू सरकार में सुधीर शर्मा को वो जगह नहीं मिली जो वो चाहते थे।

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 35 हो जाता है। ऐसे में 34 के आंकड़ों के हिसाब से राज्य की कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं है। अगर एंटी पार्टी एक्टिविटी के तहत कांग्रेस इन छह विधायकों की सदस्यता रद्द कर देती है तो संख्या 68 से घट जाएगी।

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