इब्राहिम रईसी से कल बात करके खुशी हुई: पीएम मोदी
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत-ईरान संबंध सदियों से सार्थक बातचीत पर आधारित हैं। भारत और ईरान ने 15 मार्च, 1950 को राजनयिक संबंध स्थापित किए। तेहरान के अलावा भारत के ईरान में दो दूतावास हैं-एक बंदर अब्बास में और दूसरा जाहेदान में।
भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस त्रिकंद का रविवार को ईरान के बंदरगाह शहर बंदर अब्बास पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि यह जहाज क्षेत्रीय देशों के साथ सहयोगात्मक समुद्री जुड़ाव की दिशा में भारतीय नौसेना की परिचालन तैनाती के हिस्से के रूप में ईरान की यात्रा पर है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी से बात की और चाबहार बंदरगाह की पूरी क्षमता को साकार करने पर चर्चा की।
मोदी ने ट्वीट किया,’ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रईसी से कल बात करके खुशी हुई। हमने चाबहार बंदरगाह की पूरी क्षमता को साकार करने सहित द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रपति रईसी से मुलाकात को लेकर आशान्वित हूं।
फोन पर बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने कहा कि ईरान और भारत के बीच संबंध घनिष्ठ ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों पर आधारित हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा,’प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-ईरान संबंध ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों पर आधारित हैं, जिसमें लोगों के बीच मजबूत संपर्क भी शामिल है।
उधर, भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम कुवैत में तीन दिवसीय प्रवास के तहत रविवार को अल-शुवैख बंदरगाह पर रुका। आईएनएस विशाखापत्तनम की यात्रा कुवैत में भारतीय समुदाय के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खोलेगी।
कुवैत में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा कि शुवैख बंदरगाह पर आईएनएस विशाखापत्तनम के तीन दिवसीय प्रवास के दौरान जहाज के दौरे और चालक दल की बातचीत सकारात्मकता फैलाएगी। भारतीय दूतावास द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच द्विपक्षीय नौसेना-से-नौसेना सहयोग में एक नया अध्याय जोड़ती है।