ग़ाज़ा की हुकूमत एक आंतरिक मामला है: फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध समूह
हमास, इस्लामिक जिहाद और पॉपुलर फ़्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ फ़िलिस्तीन (PFLP) ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए ग़ाज़ा पर किसी भी विदेशी नियंत्रण या संरक्षकता को सख़्ती से खारिज किया है। बयान में कहा गया कि ग़ाज़ा के लोगों और प्रतिरोध ने अपनी ऐतिहासिक दृढ़ता और बहादुरी से इज़रायली अपराधों का डटकर सामना किया है।
संगठनों ने ज़ोर दिया कि जबर्दस्ती पलायन (forced displacement) की सारी साज़िशें नाकाम हो गई हैं, और ग़ाज़ा शहर में शरणार्थियों की वापसी, उस क़ौमी इरादे का प्रतीक है जो अपने वतन से उखाड़े जाने को कभी स्वीकार नहीं करेगा।
प्रतिरोध गुटों ने कहा कि पिछले दो सालों से ग़ाज़ा के लोगों की डटकर मुक़ाबले ने इज़रायल की राजनीतिक और सुरक्षा योजनाओं को नाकाम कर दिया है, और इज़रायली शासन अपने मक़सद में असफल रहा है, वह ग़ज़ा के लोगों को मिटा नहीं सका।
उन्होंने ऐलान किया कि सभी फ़िलिस्तीनी राजनीतिक धड़ों की भागीदारी से एक एकीकृत राष्ट्रीय राजनीतिक प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
संगठनों ने बताया कि वे मिस्र के सहयोग से एक व्यापक और तत्काल राष्ट्रीय सम्मेलन की योजना बना रहे हैं, ताकि संघर्ष-विराम के बाद एक साझा राजनीतिक रुख अपनाया जा सके और राष्ट्रीय संस्थाओं के पुनर्निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।
अंत में, इन गुटों ने दोहराया कि, ग़ाज़ा की शासन-व्यवस्था तय करना केवल फ़िलिस्तीनी जनता का आंतरिक अधिकार है, और यह भी कहा कि वे क़ब्ज़े की समाप्ति, आत्मनिर्णय के अधिकार और यरूशलेम को राजधानी बनाकर स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना तक अपने प्रतिरोध को जारी रखेंगे।

