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ग़ाज़ा जनसंहार में यूरोपीय देश इज़रायल के सबसे बड़े मददगार हैं

ग़ाज़ा जनसंहार में यूरोपीय देश इज़रायल के सबसे बड़े मददगार हैं

यरूशलम: ग़ाज़ा में चल रहे इज़रायली युद्ध के दौरान कुल 35,091 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। ग़ाज़ा स्थित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 13 मई को जारी आंकड़ों में इसकी घोषणा की गई। ग़ाज़ा में इज़रायली युद्ध पिछले साल 7 अक्टूबर को शुरू हुआ था।अल-अरबिया के मुताबिक, इस दौरान युद्ध केवल नवंबर के आखिरी सात दिनों के लिए रुका था। ये संक्षिप्त युद्धविराम बार-बार दोहराए गए और युद्ध कुल 7 दिनों तक चला। इसके अलावा, ग़ाज़ा में इज़रायली युद्ध जारी है।

ग़ाज़ा जनसंहार में यूरोपीय देश इज़रायल के सबसे बड़े मददगार हैं जो फिलिस्तीनियों के नरसंहार में खुलकर इज़रायल का समर्थन कर रहे हैं, जबकि वहां के छात्र फिलिस्तीनी बच्चों, औरतों, मर्दों के क़त्ले आम पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों की मांग है कि यूरोपीय देश इज़रायल को हथियार और उसका समर्थन देना बंद करें। हालांकि अरब शासक और वहां की मीडिया फ़िलिस्तीनियों पर होने वाले अत्याचार पर खामोश बैठे तमाशा देख रहे हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका ने धार्मिक प्रतिबद्धता के रूप में युद्ध जारी रखने में इज़राइल का समर्थन किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कम से कम तीन बार संघर्ष विराम प्रस्तावों पर वीटो किया। ग़ाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इस युद्ध में अब तक इज़रायली सेना ने सबसे ज्यादा फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को मारा है। इन फ़िलिस्तीनी मौतों में से दो-तिहाई फ़िलिस्तीनी महिलाएँ और बच्चे हैं। जबकि आंकड़ों में शामिल पिछले चौबीस घंटे में हुई मौतों की संख्या 57 सर ज़्यादा है।

ये आंकड़े बताते हैं कि इज़रायली सेना इस युद्ध में अब तक 78,827 फिलिस्तीनियों को घायल कर चुकी है। साथ ही जिस तरह से इज़रायली सेना ने युद्ध में अस्पतालों को निशाना बनाया है, उसके परिणामस्वरूप ग़ाज़ा में अस्पताल लगभग नष्ट हो गए हैं और स्वास्थ्य प्रणाली अंतिम सांस ले रही है। क्योंकि इज़रायल ने न सिर्फ अस्पतालों पर बमबारी की और टैंकों से गोले दागे, बल्कि कई दिनों तक अस्पतालों पर सैन्य हमलों के बाद मारे गए डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मचारियों, घायलों और मरीजों को कई अस्पतालों में सामूहिक कब्रों में दफना दिया था।

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