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चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया

चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सुप्रीमो शरद पवार को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। आयोग ने अजित पवार की अगुवाई वाले गुट को असली एनसीपी करार दिया है। चुनाव आयोग ने सुनवाई के बाद अपना फैसला रिजर्व कर लिया था। आयोग ने अपने फैसले में अजित पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और सिंबल दे दिया है।

चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर शरद पवार को अपने नए राजनीतिक गठन का नाम रखने के लिए विशेष छूट दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि ‘टेस्ट ऑफ लेजिसलेटिव मेजॉरिटी’ ने विवादित आंतरिक संगठनात्मक चुनावों के मद्देनजर अजित पवार गुट को एनसीपी चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की।

दरअसल एनसीपी में टूट के बाद अजित पवार ने चुनाव आयोग में दावा ठोंका था। इसके बाद आयोग में सुनवाई हुई थी। आयोग के फैसले के बाद अजित पवार का खेम ही असली एनसीपी होगा। जानकारी के मुताबिक, छह महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने एनसीपी में विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। अब एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजित पवार के पास रहेगा।

जुलाई 2023 में अजित NCP के 40 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ​में ​​​​​शामिल हो गए थे। गठबंधन सरकार में उन्हें डिप्टी CM भी बनाया गया था। शरद से बगावत के बाद अजित ने दावा किया था कि NCP का बहुमत उनके पास है। इसलिए पार्टी के नाम और सिंबल पर उनका अधिकार है। अजित ने 30 जून को चुनाव आयोग में याचिका दायर कर NCP पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया था। दूसरी तरफ शरद पवार ने पार्टी छोड़कर जाने वाले 9 मंत्रियों समेत 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।

चुनाव आयोग नाम का दावा करने के लिए तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने का एक बार का विकल्प मुहैया कराता है। इसके लिए 7 फरवरी 2024 को दोपहर 3 बजे तक का समय दिया गया है। इसके अलावा शरद पवार चुनाव आयोग के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
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