नाटो सम्मेलन में यूक्रेन की मदद का फैसला: अमेरिका ने नई वायु रक्षा प्रणाली प्रदान करने का किया ऐलान
वाशिंगटन: नाटो (NATO) के सम्मेलन की शुरुआत होते ही रूस के खिलाफ यूक्रेन की मदद जारी रखने का ऐलान किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस सैन्य गठबंधन के सदस्य देशों के नेताओं का स्वागत करते हुए अपने संक्षिप्त लेकिन कठोर संदेश में ‘नाटो’ सैन्य गठबंधन को “पहले से ज्यादा शक्तिशाली” बताते हुए कहा कि जर्मनी, इटली, हॉलैंड और रोमानिया के साथ मिलकर अमेरिका यूक्रेन की मदद के लिए उसे पैट्रियट मिसाइल बैटरियां और अन्य वायु रक्षा प्रणाली प्रदान करेगा।
यूक्रेन को मिलेगा एफ-16 विमान:
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने घोषणा की कि डेनमार्क और नीदरलैंड्स से एफ-16 विमान यूक्रेन पहुंच रहे हैं। वाशिंगटन में नाटो सम्मेलन के दौरान एक छोटी सीरिमनी में बातचीत करते हुए ब्लिंकेन ने कहा, “यूक्रेन में बहुत जल्द एफ-16 विमान इस्तेमाल में लाए जाएंगे।” उन्होंने बताया कि ये विमान जल्द ही यूक्रेन पहुंच जाएंगे, जिससे उसकी वायु शक्ति में इजाफा होगा।
अमेरिका की मजबूत सहायता:
अमेरिकी विदेश मंत्री ने आगे कहा, “यूक्रेन के लिए 2 दिनों में एक बेहद मजबूत पैकेज का ऐलान किया जाएगा। इस पैकेज से नाटो में यूक्रेन की सदस्यता के लिए स्पष्ट और मजबूत रास्ता तैयार हो जाएगा।” यह घोषणा रूस के हमलों का मुकाबला करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा यूक्रेन को 5 नई सामरिक वायु रक्षा प्रणाली प्रदान करने की घोषणा के बाद की गई है।
रूसी हमलों का जवाब:
बाइडन ने यूक्रेन की राजधानी कीव में बच्चों के अस्पताल पर रूसी हमले के 2 दिन बाद यह घोषणा की है। यूक्रेन के अनुसार, सोमवार को हुए इस हमले में करीब 43 लोग मारे गए हैं, जबकि घायलों की संख्या 100 से ज्यादा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि रूस ने अस्पताल को निशाना बनाने की बात से इनकार किया है।
अंतर्राष्ट्रीय समर्थन:
नाटो के इस सम्मेलन में सदस्य देशों ने यूक्रेन के प्रति अपने समर्थन को फिर से दोहराया है। जर्मनी, इटली, हॉलैंड और रोमानिया ने भी यूक्रेन की मदद के लिए अपने संसाधनों का योगदान देने का वादा किया है। यह सभी देश मिलकर रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा में मजबूती से खड़े हैं।
नाटो सम्मेलन में लिए गए इन निर्णयों से स्पष्ट है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय यूक्रेन की रक्षा और स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्ध है। अमेरिकी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की घोषणाएं यूक्रेन के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन का प्रतीक हैं, जो रूस के आक्रामक रुख का सामना करने के लिए आवश्यक है। यूक्रेन की मदद के इस मजबूत कदम से उसकी वायु शक्ति में इजाफा होगा और रूस के खिलाफ उसकी स्थिति मजबूत होगी।